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जूनियर रेजिडेंट प्रदर्शन के आगे झुका केजीएमयू प्रशासन

नर्सिंग अधिकारी के साथ हुई मारपीट मामला गरमाया, समझौता कराने में लगे जिम्मेदार

 

न्यू ओपीडी की सेवाएं हुई बाधित, 2:30 बजे तक मरीजों के लिए खुले काउंटर 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। केजीएमयू प्रशासन जूनियर रेजिडेंट के आगे नत मस्तक होता नजर आ रहा है। बताते चले कि बीते 20 सितम्बर रात्रि में संस्थान के ट्रॉमा सेंटर ऑर्थो सर्जरी विभाग में नर्सिंग अधिकारी शुभम राव को जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा मारपीट करने व जान से मारने के आरोप लगे थे।

जिसमें पीड़ित शुभम राव द्वारा स्थानीय थाने चौक में नौ जूनियर रेजिडेंट के खिलाफ बीएनएस की 324(4) 191(2)115(2) 351 की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। वही संस्थान प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी थी।

वहीं संस्थान की जूनियर रेजिडेंट पर कार्रवाई से मामला गरमा गया। बुधवार को संस्थान के सभी जूनियर रेजिडेंट एकजुट होकर न्यू ओपीडी में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसमें संस्थान प्रशासन को जानकारी मिलते ही समझाने बुझाने में जुट गया।

वहीं दूर दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दिक्कत का सामना भी करना पड़ा। अधिकांश मरीज प्रदर्शन देखकर असहज महसूस किया। वहीं मरीजों की समस्याओं को देखते हुए संस्थान प्रशासन द्वारा न्यू ओपीडी की समय सीमा बढाकर ढाई बजे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर खोल दिया गया।

ऐसे में नर्सिंग अधिकारी के साथ हुई मारपीट मामले पर संस्थान प्रशासन को एक्शन लेना भारी पड़ता नजर आ रहा है। जब पीड़ित पक्ष शुभम राव से जानकारी लेनी चाही उनका नंबर स्विच ऑफ़ बताने लगा। इसके पश्चात् नर्सिंग एसोसिएशन महामंत्री जितेंद्र उपाध्याय से बात करनी चाही उनका भी माकूल जवाब नहीं मिला।

सूत्रों का कहना है जब डॉक्टर ही डॉक्टर की जाँच करेगा तो न्याय की उम्मीद बहुत कम हो जाती है। वहीं जिस तरह से रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा की जा रही नारेबाजी में हम डॉक्टर हैं कोई मजदूर नहीं। इससे यही लगता है जो हम करें वहीं सही है बाकी सब गलत है।

 

न्यू ओपीडी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन एक घंटे के लिए रहा। जिसके लिए 2:30 बजे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर खोल दिए गए थे। मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। वहीं गठित जाँच कमेटी की रिपोर्ट आने तक चार जूनियर रेजिडेंट के निलंबन आदेश स्थगित कर दिया गया है। दोनों पक्षो में आंशिक रूप से समझौता होने की सहमति हो गयी है।

प्रो. केके सिंह

प्रवक्ता केजीएमयू लखनऊ

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