
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में व्यापारियों और एडिशनल कमिश्नर वाणिज्य कर विभाग के साथ बैठक की गयी। मंगलवार को वाणिज्य कर विभाग द्वारा आयोजित बैठक एडिश्नल कमिश्नर मुख्यालय धन्जय शुक्ल की अध्यक्षता में मीराबाई मार्ग पर आयोजित हुई।जिसमें मुख्य रूप से एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 बी विंग राजेश पाण्डेय एवं एडिशनल कमिश्नर एसआईबी संजय मिश्र व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 में धारा 73 के अंतर्गत जारी नोटिस में जिन व्यापारियों ने समयावधि में अपना टैक्स में व्याज नहीं जमा कर पाये थे उन्हें पेनाल्टी आरोपित हो गयी थी उन व्यापारियों के लिए सरकार द्वारा 31मार्च तक टैक्स डीआरसी 3ए के माध्यम से टैक्स जमा व्याज एवं पेनाल्टी में छूट पा सकते है। वहीं लखनऊ व्यापार मण्डल अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने कहा कि धारा 73 ही में क्यों धारा 74 के केसों में भी छूट दी जाय क्योंकि पंजीयन आपके विभाग में है व्यापारी तो एक्टिव फर्म देख कर माल मंगाया और टैक्स चुकता किया तो फिर दोहरा अर्थदण्ड क्यों व्यापारी भुगते। उन्होंने कहा कि बोगस फर्म की जिम्मेदारी विभाग की है, बोगस फर्म के व्यापारी का पैन अधार के साथ बैंक भी जुड़ी रहती है ऐसे में वैट की भांति बैंक एकाउन्ट को सीज कर पैसा निकाल सकता है। विभागी अधिकारियों को आसानी से सामने वाले से पैसा मिल रहा है इस लिए इस प्रक्रिया को नहीं अपना रहें है। जबकि जिम्मेदारी यह विभाग की बनती है। विभागीय अधिकारी क्रेता व्यापारी के स्टेट या जिला कार्यालय में सूचित कर नोटिस भेजी जा सकती है इसको भी अधिकारी नहीं पालन कर रहें है केवल माल खरीदने वाली फर्म को नोटिस भेजकर टैक्स एवं पेनाल्टी वसूल रहें है यह सरासर गलत है। अमरनाथ मिश्र ने दूसरे विन्दु को उठाते हुए कहा कि जो व्यापारी पूर्व में ही अपना टैक्स एवं व्याज जमा कर चुके है उन व्यापारियों का क्या होगा तो अधिकारियों ने कहा कि यह सरकार का सरकुलर है इसमें हम कुछ नहीं कर सकते है। अमरनाथ मिश्र ने एक सुझाव दिया कि वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 के केसों के लिए जो 31मार्च तक छूट आयी है। बैठक में मुख्य रूप से अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र, वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा, कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता, सतीश अग्रवाल, सतीश शर्मा, उमेश शर्मा विशाल अग्रवाल, कुश अरोडा युवा अध्यक्ष मनीष गुप्ता मौजूद रहे।