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उत्कृष्ट योगदान के लिए विदेश में राजेश्वर सिंह हुए सम्मानित

कानून, शासन में योगदान को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में राजेश्वर सिंह को मिला सम्मान

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। देश को आगे बढ़ाने में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राजेश्वर सिंह सम्मानित किए गए। यूके-इंडिया एफटीए के तहत राजेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के अवसरों को प्रमुखता से रखकर साबित किया है। राजेश्वर सिंह ने बताया कि लंदन (यूनाइटेड किंगडम) वैश्विक व्यापार युद्ध के इस युग में, यूके-इंडिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एक निर्णायक उत्प्रेरक बनकर उभरा है।

नियमनों का पालन, विवादों का समाधान और डब्लूटीओ समन्वय के लिए एक मज़बूत कानूनी ढांचा अनिवार्य है। जिसमें यूके इंडिया लीगल पार्टनरशिप की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

वर्तमान में भारत, यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। द्विपक्षीय व्यापार 2024 में $57 बिलियन (₹48,720 करोड़) से बढ़कर 2030 तक $120 बिलियन (₹10 लाख करोड़+) तक पहुंचने का अनुमान है। जिसमें वस्तुओं और सेवाओं दोनों का समावेश है। यह FTA व्यापार को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और दोनों देशों की GDP को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यह समझौता चीन पर निर्भरता कम करेगा, अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों का मुकाबला करेगा और ब्रेक्ज़िट के बाद यूके की वैश्विक रणनीति को नया आकार देगा।

राजेश्वर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देते हुए कहा जिन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व प्रदान किया है।

कानून के रक्षक, व्याख्याता और विधेयक निर्माता के रूप में मेरी अनोखी यात्रा। लोकसेवा सदैव मेरे हृदय के निकट रही है। यह सम्मान ‘राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्टता’ पुरस्कार मेरी विधान सभा क्षेत्र के प्रति निरंतर समर्पण को समर्पित है। उन्होंने कहा कि

लंदन स्थित ऐतिहासिक हाउस ऑफ लॉर्ड्स, वेस्टमिंस्टर पैलेस जो ब्रिटिश विरासत का आधार, लोकतंत्र का स्तंभ और संवैधानिक विवेक का रक्षक है। वहां उपस्थित होना मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण रहा।

इस मंच पर भारत के विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, लॉर्ड्स वीरेंद्र शर्मा और रामी रेंजर, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, दुबई और ऑस्ट्रेलिया के न्यायाधीशों, अंतरराष्ट्रीय कानूनविदों, युवा संगीत प्रतिभा स्टेबिन बेन और विश्व भर के न्यायाधीशों और विधायकों के साथ शामिल होना मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का विषय रहा।

साथ ही, 5 जून को मुझे ICA लंदन कॉन्फ्रेंस 2025 के विशेष अतिथि के रूप में “भारत-यूके वाणिज्यिक विवादों का पंचाट तीसरा संस्करण” विषय पर आयोजित सम्मेलन में प्रमुख कानूनी विद्वानों और बुद्धिजीवियों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

यह अत्यंत उच्चस्तरीय संवाद और सीखने का दुर्लभ अवसर मेरे लिए स्मरणीय, प्रेरणादायक और लोकसेवा के प्रति मेरी प्रतिबद्धता को और दृढ़ करने वाला रहा।

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