राजधानी में सावनी मेला का शुभारम्भ
मेले में स्वदेशी कला का समागम, पांच दिवसीय चलेगा मेला

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में भारतीय सांस्कृतिक को प्रदर्शित करने के लिए मेला लगाया गया। शुक्रवार को पारपंरिक हस्तशिल्प और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश क्राफ्ट काउंसिल, लखनऊ ने पांच दिवसीय ‘सावनी मेले’ की शुरुआत की।
इस साल मेले को ‘मल्हार पर्व’ के रूप में मनाया जा रहा है। मेला 1 अगस्त से 5 अगस्त तक चौक स्थित आरिफ आशियाना बिल्डिंग (फर्स्ट फ्लोर), नीबू पार्क, लोहिया पार्क के सामने आयोजित किया जा रहा है। मेले का समय सुबह 11:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक रहेगा, जो लोगों के लिए नि:शुल्क खुला है।
शिल्पकला का अनूठा संगम..
पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में पार्षद चौक अनुराग मिश्रा ने मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर खुन खुन पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल अंशु केड़िया, लखनऊ व्यापार मंडल की निहारिका सिंह, उत्तर प्रदेश क्राफ्ट काउंसिल, लखनऊ की उपाध्यक्ष ज्योत्सना, अध्यक्ष चंद्रभान सिंह, सचिव दीपाली बोस, सह सचिव बबीता चतुर्वेदी, मेम्बर ज्योत्सना श्रीवास्तव और सच्चिदानंद गोस्वामी भी मौजूद रहे।
मेले में उत्तर प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सों की पारंपरिक शिल्पकला, वस्त्र, सजावटी और घरेलू सामग्री प्रदर्शित की जा रही है। इसमें शृंगार, सजावट, घरेलू सामान, पारंपरिक परिधान, देसी डलिया, थारु क्राफ्ट, और राजस्थानी बगरू जैसे विविध स्टॉल्स लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
प्रतिभाओं को मिल रहा मंच
पारंपरिक त्योहारों से जोड़ने और महिलाओं व बच्चियों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं। मेले के दूसरे दिन दोपहर 2 बजे से मेहंदी सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
इसमें भाग लेने वालों को अपने कोन स्वंय लाने होंगे। वहीं 4 अगस्त को ‘पूजा की थाली सज्जा’ प्रतियोगिता होगी, जिसके लिए प्रतिभागियों को थाली और सजावट का सामान खुद लाना होगा। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
ज्ञात हो कि क्राफ्ट काउंसिल ऑफ इंडिया भारत में 10 प्रदेशों में शिल्पकारों के कल्याण और शिल्प कलाओं के विकास के लिए कार्य करती है। क्राफ्ट काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश इसी का भाग है, जिसका उद्देश्य लुप्त कलाओं को पुनर्जीवित करना, शिल्पकारों के जीवन स्तर को सुधारना, शिल्प कलाओं में प्रशिक्षण देना, उनके द्वारा तैयार सामान की बिक्री के लिए प्रर्दशनी लगाकर आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।



