झाँसी अग्निकांड मामले में हटे प्रधानाचार्य और तीन निलंबित
जाँच के घेरे में मेडिकल कॉलेज के उच्च अधिकारी
चार सदस्यीय गठित जाँच कमेटी रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्रवाई
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। झाँसी अग्निकांड मामले में दोषियों पर आखिरकार कार्रवाई हो गई है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में दस बच्चों की मृत्यु मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि डिप्टी सीएम के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया है। साथ ही कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आरोप पत्र एवं तीन अन्य को निलंबित किया गया है। बुधवार को
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई हृदय विदायक घटना को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है। पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया है। वहीं, कॉलेज के अवर अभियन्ता विद्युत संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलम्बित करते हुए आरोप पत्र दिया गया।
कॉलेज के उच्च अधिकारियो की कमिश्नरी जांच के निर्देश..
कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. कुलदीप चंदेल व विद्युत प्रभारी अधिकारी को आरोप पत्र देकर उनकी भूमिका की जांच के लिए मण्डलायुक्त झांसी को जांच अधिकारी बनाया गया।
जानें झाँसी अग्निकांड का पूरा मामला..
15 नवम्बर को झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में आग लगने से दस बच्चों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना ने देश दुनिया के लोगों को झकझोर के रख दिया था। जिसमें मासूम करीब दर्जनों बच्चे आग की चपेट में आकर मौत हो गई थी। वहीं इस हादसे के तुरंत बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे थे और पीड़ित परिवारों को सांत्वना ढाढ़स बधाया था,साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। डिप्टी सीएम ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को महानिदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। वहीं जब कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद समीक्षा कर घटना में दोषियों के खिलाफ डिप्टी सीएम द्वारा कार्रवाई की गई है।