पीजीआई प्रशासन विभाग का मना 17वां स्थापना दिवस
प्रमुख सचिव ने मास्टर डिग्री के टॉपर्स को किया सम्मानित

संस्थान में खरीद फरोख्त पर विषय विशेषज्ञों ने किया विचार विमर्श
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। चिकित्सा संस्थान में खरीद फरोख्त पारदर्शी बनाने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार विमर्श किया गया। रविवार को एसजीपीजीआईएमएस प्रशासन विभाग के 17 वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
जिसे प्रो. आर हर्षवर्धन के मार्गदर्शन में सर्वोत्तम खरीद प्रथाएँ लागू करने के लिए राष्ट्रीय संगोष्ठी सीवी रमन सभागार, केंद्रीय पुस्तकालय परिसर में आयोजित की गयी। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से तथा उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सामग्री प्रबंधन विभाग, एसजीपीजीआईएमएस द्वारा सहयोग से किया गया।
संगोष्ठी के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली बेहतर दक्षता, पारदर्शिता,परिणाम-आधारित खरीद प्रथाओं के लिए ऑडिट और स्वास्थ्य नीति अध्ययनों के अनुसार, अक्षम खरीद प्रक्रियाएँ सरकारी अस्पतालों में एक बड़ी बाधा बनी हुई हैं। जिसके कारण सेवा वितरण में देरी, अपव्यय, लागत में वृद्धि और खराब भंडारण नियंत्रण जैसी समस्याएँ उत्पन्न न हो इसके लिए सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों की परिचालन चुनौतियों के समाधान के लिए कार्यान्वयन योग्य ढांचे प्रदान करने की रणनीति तय की जा रही है।
उद्घाटन सत्र में..
सरकारी स्वास्थ्य सेवा में सार्वजनिक खरीद से संबंधित व्यापक दृष्टिकोण, संस्थागत रणनीतियों और प्रणालीगत चुनौतियों को व्यक्त करने के लिए विशिष्ट अतिथियों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने अपने विचार साझा किए। जिसमें
सत्र की शुरुआत प्रो.आर. हर्षवर्धन आयोजक अध्यक्ष और विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रशासन विभाग, संस्थान उद्घाटन वक्तव्य से शुरुआत की गयी। उन्होंने विभाग की संस्थागत यात्रा और खरीद प्रणाली में सुधार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और वर्तमान स्वास्थ्य परिदृश्य में व्यावसायिक और नीति-समन्वित खरीद पद्धतियों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया। साथ ही प्रकाश सिंह, संयुक्त निदेशक सामग्री प्रबंधन ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह सेमिनार के उद्देश्य अपेक्षाओं को स्पष्ट और सहयोगात्मक शिक्षण, नियामकीय जागरूकता, क्षमता निर्माण की महत्ता को रेखांकित करना है। जिससे सरकारी संस्थानों में खरीद निष्पादन को बेहतर बनाया जा सके।
प्रो. अमिता अग्रवाल ने संस्थागत सतत विकास के लिए खरीद प्रणाली को एक रणनीतिक स्तंभ बताते हुए कहा कि प्रभावी खरीद केवल परिचालन दक्षता ही नहीं बल्कि शैक्षणिक उत्कृष्टता, रोगी देखभाल और संस्थागत विकास में भी योगदान देती है। कृतिका शर्मा आईएएस अपर निदेशक संस्थान ने सरकारी खरीद में दक्षता, पारदर्शिता, प्रक्रियात्मक अनुपालन सुनिश्चित करने पर अपने विचार डिजिटली साझा किए।
इस अवसर पर आईएएस मन्नान अख्तर भी उपस्थित रहे। इसी क्रम में संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमन ने संस्थान में समय के साथ विकसित हो रही खरीद प्रथाओं, प्रमुख नवाचारों, सामने आई चुनौतियों और भविष्य में प्रक्रिया को और अधिक डिजिटल व सुव्यवस्थित बनाने की योजनाओं को साझा किया। वहीं उत्तर प्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अपने व्यापक प्रशासनिक अनुभव के आधार पर राज्य के स्वास्थ्य तंत्र में सार्वजनिक खरीद की वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला। सत्र का समापन राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ।
पहला सत्र प्रांजल यादव, आईएएस सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किया गया। उन्होंने एमएसएमई और स्टार्टअप से संबंधित खरीद नीतियों की व्यापक जानकारी दी और यह स्पष्ट किया कि आरक्षण मानदंड, नीति प्रोत्साहन और प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश किस प्रकार अस्पतालों को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र से सार्थक रूप से जुड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं।
दूसरे सत्र में कृष्ण मुरारी, आईआरएसएस, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, वाणिज्य मंत्रालय ने GeM प्लेटफॉर्म के सरकारी स्वास्थ्य संगठनों में व्यावहारिक उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कैटलॉग प्रबंधन, बोली तैयार करना, रिवर्स ऑक्शन प्रक्रिया और अनुपालन आवश्यकताओं जैसे प्रमुख प्रक्रियाओं को सरल ढंग से समझाया।
तीसरे सत्र में उज्ज्वल कुमार, महाप्रबंधक (उपकरण खरीद), उत्तर प्रदेश चिकित्सा आपूर्ति निगम लिमिटेड ने थोक खरीद और इन्वेंटरी अनुकूलन के लिए रणनीतिक मॉडल प्रस्तुत किए। उन्होंने लागत नियंत्रण समयबद्ध आपूर्ति और स्टॉक का तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ऐसे व्यवहारिक ढांचे और निर्णय उपकरण साझा किए जिन्हें अस्पताल अपनी आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाने में अपना सकते हैं।
संगोष्ठी में उच्च स्तरीय पैनल चर्चा में जिसका विषय था “सरकारी अस्पतालों में क्रय प्रणाली: पेशेवर रूप से प्रशिक्षित अस्पताल प्रशासकों,सामग्री प्रबंधकों की अनदेखी आवश्यकता पर आधारित थी। सत्र की अध्यक्षता प्रो. आदित्य कपूर, अध्यक्ष, एचआरएफ एवं विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी ने की और संचालन प्रो.आर हर्षवर्धन, विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रशासन द्वारा किया गया। विशिष्ट पैनल में प्रो. नारायण प्रसाद, अध्यक्ष, क्रय समिति एवं विभागाध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी,प्रो.देवेंद्र गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,प्रो. धीरज खेतान, अध्यक्ष, आईआरएफ,प्रकाश सिंह, संयुक्त निदेशक, सामग्री प्रबंधन,विनय कुमार राय, वित्त अधिकारी, केजीएमयू, रजनीकांत, वित्त अधिकारी, केएसएसएससीआई एंड एच संवादात्मक सत्र ने सरकारी अस्पतालों में क्रय भूमिकाओं के व्यावसायीकरण की संस्थागत और नीतिगत आवश्यकता को रेखांकित किया। पैनल सदस्यों ने संरचित प्रशिक्षण, समर्पित स्टाफिंग और खरीद विशेषज्ञों को अस्पताल शासन तंत्र में एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
समारोह की औपचारिक समाप्ति धन्यवाद प्रस्ताव के साथ आयोजन सचिव एवं सहायक प्रोफेसर, अस्पताल प्रशासन, डॉ. सौरभ सिंह ने प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी विशिष्ट अतिथियों, वक्ताओं, सहभागियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार प्रकट किया। समापन सत्र के पश्चात प्रतिभागियों को उपस्थिति प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। वहीं उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से आए सामग्री प्रबंधन अधिकारियों, क्रय अधिकारियों, अस्पताल प्रशासकों एवं इन्वेंटरी कर्मचारियों सहित 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
साथ ही संस्थान अस्पताल प्रशासन विभाग के स्थापना दिवस पर पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा अस्पताल प्रशासन विभाग के अस्पताल प्रशासन कार्यक्रम में मास्टर डिग्री के टॉपर्स को डॉ रमेश चंद्र द्विवेदी मेमोरियल सर्टिफिकेट ऑफ गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। संस्थापक प्रमुख प्रोफेसर हेम चंद्र को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी प्रदान किया गया।