बलरामपुर अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन से पहले,मरीज की मौत
डॉक्टरों ने गंभीर हालत में मरीज को आईसीयू में कराया था भर्ती

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मोतियाबिंद ऑपरेशन करने से पहले मरीज की मौत हो गयी। बीते सोमवार को राजधानी के कश्मीरी मोहल्ला निवासी 55 वर्षीय बादशाह हुसैन मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने नेत्र रोग विभाग पहुंचे थे।
जहाँ डॉक्टरों द्वारा मरीज मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने से पहले मरीज की हालत बिगड़ गयी और आनन फानन में आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। फिर भी मरीज की हालत बिगड़ती गयी और रात्रि में मौत हो गयी।
मिली जानकारी के अनुसार मरीज हार्ट पेशेंट बताया जा रहा है। वहीं मरीज के परिजनों में दामाद बहादुर शाह ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि नेत्र रोग विभाग की ओटी में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान मरीज की हालत बिगड़ गई।
गिरने की आवाज ओटी के बाहर तक आई, लेकिन मौके पर मौजूद डॉक्टर और स्टाफ ने तीमारदारों को हालत बिगड़ने की जानकारी तुरंत नहीं दी। आरोप लगाया कि गंभीर हालत में आईसीयू में शिफ्ट कर दिया।
तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन उन लोगों से जबरन कागजों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया। आरोप लगाया कि मरीज का अस्पताल में मंगलवार सुबह मोतियाबिंद का ऑपरेशन होना था।
सोमवार रात से नेत्र रोग विभाग में भर्ती रहे। मरीज के परिजन दामाद बहादुर शाह के अनुसार मंगलवार सुबह ससुर को वार्ड में बेड पर तीन बोतल दवा चढ़ाई गई। सोमवार रात्रि को भी दो बोतल ग्लूकोज़ चढ़ाया गया था। वह सामान्य रूप से चल फिर रहे थे। सुबह दवा चढ़ने के बाद वह पेशाब करने गए।
फिर वह उन्हें लेकर आई ओटी पहुंचे। वहां डॉक्टर और स्टाफ ने बहादुर को बाहर कर दिया, जबकि बादशाह को ओटी में कुर्सी पर बैठा दिया गया। बहादुर शाह का आरोप है कि कुछ ही मिनट बाद अंदर से धड़ाम से आवाज आई। उन्होंने नर्स को भागते देखा तो पूछा कि क्या हुआ, नर्स ने कुछ नहीं बताया।
उन्हें ओटी के अंदर भी नहीं जाने दिया गया। इतनी देर में महिला नेत्र रोग डॉक्टर, चार पांच नर्स और अन्य स्टाफ ओटी में अंदर भागते हुए पहुंचा। बहादुर का आरोप है कि करीब 10 से 15 मिनट बाद उन्हें बताया गया। इसके अलावा उन्हें कुछ बताया नहीं गया। जब वह अंदर गए तो बहादुर फर्श पर मुंह के बल गिरे पड़े थे।
उनका चेहरा नीला पड़ा था। बहादुर का आरोप है कि ओटी में गलत दवा आदि देने की वजह से ही ससुर की हालत बिगड़ी है। डॉक्टर और स्टाफ ने मामले को दबाए रखा गया। मुझ पर पेपर पर हस्ताक्षर करने का दबाव भी बनाया गया। ऑपरेशन से पहले सभी प्रकार की जांचें आदि सामान्य आई थी। ऐसा आरोप लगाय गया।
जांच कमेटी गठित कर दी गई है, जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. कविता आर्या
निदेशक
बलरामपुर अस्पताल लखनऊ



