बच्चों के आरटीआई प्रवेश प्रक्रिया पर जिलाधिकारी की बैठक, दिए आदेश
55 विद्यालयों के प्रधानाचार्य व प्रबंधक मौजूद रहे

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। आरटीआई में प्रवेश लेने वाले बच्चों की जानकारी ली। शुक्रवार को शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए आरटीई योजना के तहत चल रही प्रवेश प्रक्रिया की समीक्षा जिलाधिकारी विशाख जी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में की गयी। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा आरटीई योजना के तहत बच्चों को प्रवेश देने में शिथिलता बरतने वाले विद्यालयों को चिन्हित करते हुए समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट की टीम बनाते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से ऐसे सभी विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए थे।
जिसके क्रम में अपर नगर मजिस्ट्रेट और खंड शिक्षा अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कार्य करते हुए विद्यालयों और अभिभावकों के मध्य समन्वय बनाते हुए बच्चों को प्रवेश दिलाने की जा रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि 18093 बच्चों को 4 लाटरी के माध्यम से विद्यालयों का आवंटन किया गया है। जिसमें से अबतक 11335 बच्चों के प्रवेश करा दिए गए है।
3627 बच्चों के अभिभावकों द्वारा आवंटित विद्यालयों में प्रवेश लेने में इच्छुक नहीं है। शेष 3131 बच्चों को प्रवेश दिलाने की कार्यवाही की जा रही है। समीक्षा बैठक में जनपद के कुल 55 विद्यालयों के प्रबन्धक,प्रधानाचार्यों ने बैठक में प्रतिभाग किया। जिन 31 विद्यालयों के प्रबन्धक,प्रधानाचार्य उपस्थित नहीं हुए उनके विरूद्ध स्पष्टीकरण जारी करने के लिए जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है तथा आदेशित किया है कि सम्बन्धित विद्यालय स्पष्टीकरण के माध्यम से यह बताना सुनिश्चित करें कि उन्हें आवंटित समस्त बच्चों के प्रवेश अद्यतन क्यों नहीं पूरे किये गये तथा वह आज की बैठक में उपस्थित क्यों नहीं हुए
जिसके क्रम में क्यों न उनके विरूद्ध विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट व खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह ऐसे विद्यालयों में स्वयं जाकर यह सुनिश्चित करें कि प्रवेश से वंचित बच्चों के प्रवेश क्यों नहीं पूर्ण किये गये और किन बच्चों के अभिभावक स्वेच्छा से प्रवेश नहीं लेना चाहते है। इसके अतिरिक्त जिन विद्यालयों द्वारा अद्यतन एक भी प्रवेश नहीं लिया गया है।
उनके प्रधानाचार्यों को उनके नाम से नोटिस निर्गत किया जाए कि क्यूं न उनके विरूद्ध अग्रिम विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। इसी के साथ-साथ जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया कि किसी भी विद्यालय को किसी भी बच्चे या अभिभावक के सम्बन्ध में कोई भी जांच या छान-बीन अपने स्तर से करने का अधिकार नहीं है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति ज्योति गौतम, बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश, समस्त नगर मजिस्ट्रेट व समस्त खंड शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।