उत्तर प्रदेशजीवनशैली

तीन में से एक व्यक्ति उच्च रक्तचाप से ग्रसित

 डॉक्टरों ने उच्च रक्तचाप से बचाव को बताए टिप्स 

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में डॉक्टरों ने उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए जानकारी साझा की। शनिवार को संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा विश्व उच्च रक्तचाप दिवस जागरूक किया गया। जिसे संस्थान प्रशासन विभाग,कार्डियोलॉजी और सामान्य अस्पताल के विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

जिसमें प्रो. देवेंद्र गुप्ता, सीएमएस, डॉ आदित्य कपूर, प्रोफेसर और कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ पियाली भट्टाचार्य, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ अंकित साहू, एडीशनल प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी और डॉ सौरभ सिंह, सहायक प्रोफेसर, अस्पताल प्रशासन सहित कई अन्य लोग अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वही कार्डियोलॉजी की सहायक प्रो.अर्पिता कठेरिया ने “उच्च रक्तचाप साइलेंट किलर विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर

दर्शकों ने सक्रिय रूप से प्रासंगिक प्रश्न पूछे और विशेषज्ञों से बातचीत की। कार्यक्रम का समापन अस्पताल प्रशासन विभाग के रेजिडेंट्स डाक्टरो द्वारा आयोजित एक प्रश्नोत्तरी के साथ किया गया। जिसमें डॉ. अक्षिता, वैष्णवी, कृतिका और अनमोल शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान दुनिया भर के स्वास्थ्यकर्मी उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साथ शामिल रहे। डॉक्टरों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर, 30-79 वर्ष की आयु के 1.28 बिलियन से अधिक वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, लेकिन लगभग 50 फीसदी अपनी स्थिति से अनजान हैं।

भारत में संख्याएँ समान रूप से भयावह हैं और उच्च रक्तचाप एक व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन गयी है। जिसमें तीन में से एक वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित है और उनमें से, 50 फीसदी से अधिक का निदान नहीं किया गया है और केवल 20 फीसदी का रक्तचाप नियंत्रण में है। डॉक्टरों ने बताया कि

यह हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है, जो भारत में कुल मौतों में से 27 फीसदी से अधिक का कारण बनता है। साथ ही

डॉ. प्रेरणा कपूर ने बताया कि उच्च रक्तचाप अक्सर चुपचाप होता है, लेकिन अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह दिल का दौरा, स्ट्रोक और किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि नियमित जांच के माध्यम से प्रारंभिक पहचान रोकथाम और नियंत्रण की कुंजी है। डॉक्टरों ने विस्तार से चर्चा करते हुए वर्तमान पीढ़ी अधिक तनाव, खराब आहार और निष्क्रिय आदतों का सामना करने की बात दोहराई। यदि समय रहते इसका समाधान नहीं किया गया, तो उच्च रक्तचाप युवा वयस्कों में भी स्ट्रोक या दिल की विफलता का कारण बन सकता है।

इस वर्ष का विषय व्यक्तियों को “रक्तचाप को सही तरीके से मापने” और समय पर चिकित्सा सलाह लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।

जानें उच्च रक्तचाप के तथ्य..

सामान्य रक्तचाप: 120/80 mmHg से कम • उच्च रक्तचाप: 140/90 mmHg और उससे अधिक • उच्च रक्तचाप बिना किसी लक्षण के हो सकता है। समय पर उपचार से 90 फीसदी जटिलताओं को रोका जा सकता है।

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