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वृक्षारोपण महा अभियान की तैयारी को ले मंत्रियों ने की समीक्षा

 35 करोड़ वृक्षारोपण करने के निर्देश जारी

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। धरती को हराभरा बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है।

बुधवार को वन एवं वन्यजीव विभाग मुख्यालय स्थित पारिजात सभागार में राज्यमंत्री, पंचायतीराज, ओम प्रकाश राजभर, राज्यमंत्री, पशुधन एवं दुग्ध विकास, धर्मपाल सिंह,राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माध्यमिक शिक्षा विभाग, गुलाब देवी, राज्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग बृजेश सिंह, राज्यमंत्री, उद्यान, दिनेश प्रताप सिंह, एवं राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उप्र, डॉ अरुण कुमार सक्सेना, वृक्षारोपण महा अभियान-2025 की तैयारियों की समीक्षा कर 35 करोड़ वृक्षारोपण के सफल क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश दिये गए।

वहीं मंत्रियों ने प्रदेश में विगत 08 वर्षों में 204 करोड़ से अधिक पौधरोपण तथा रोपित पौधों की सुरक्षा कार्यों की सराहना करते हुए, भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून द्वारा निर्गत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार प्रदेश के वनावरण व वृक्षावरण में लगभग 1.38 लाख एकड़ की वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की।

वर्ष 2025-26 के वर्षाकाल में प्रदेश के 26 शासकीय विभागों तथा जन सामान्य के सहयोग से वन भूमि, सामुदायिक भूमि, व् अन्य राजकीय भूमि, कृषि एवं अन्य निजी भूमि पर वृहद स्तर पर व्यापक जनसहभागिता व अर्न्तविभागीय समन्वय से प्रदेश में प्रस्तावित 35 करोड़ पौधरोपण कार्यों की विस्तृत समीक्षा कर निर्देश दिये है।

जारी निर्देशों के क्रम में..

1 से 07 जुलाई (वन महोत्सव) के बीच जन्में नवजात शिशुओं को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ एक पौधा भेंट के रूप में उनके अभिभावकों को दिया जाए तथा पौधों की देखभाल के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए।

पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ सामाजिक और सांस्कृतिक गौरव के प्रति सम्मान की भावना जागृत करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में विकसित किये जा रहे ‘अटल वन‘, ‘एकता वन‘, ‘एकलव्य वन‘, ‘शौर्य वन‘ एवं ऑक्सी वन में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रमों में स्थानीय समुदाय का सहयोग प्राप्त किया जाए तथा मृदा व जलवायु के अनुरूप स्थानीय देशज प्रजातियों के पौध रोपित कर रोपित पौधों की देख भाल की जाए।

विधायकों से विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि का 01 प्रतिशत धनराशि से ट्री गार्ड क्रय करने के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध करनेए सड़क किनारे विषयवस्तु पर आधारित वृक्षारोपण करवाने, कृषि वानिकी को प्राथमिकता देते हुए हर खेत पर मेड़, हर मेड़ पर पेड़ का प्रचार-प्रसार करवाये जाने तथा रोपित पौधों की सुरक्षा की जाये।

गौवंश को छाया व चारा उपलब्ध कराने के लिए गौआश्रय स्थलों पर विकसित किये जा रहे गोपाल वन में छायादार एवं चारा प्रजातियों का रोपण सफलता व सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए तथा गोपाल वन की स्थापना में स्थानीय गौपालकों तथा संत समाज की विशेष भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

विद्यार्थियों व शिक्षकों को वृक्षारोपण हेतु जागरूक कर वृक्षारोपण महाअभियान में शिक्षकों व विद्यार्थियों का सहयोग प्राप्त किया जाए। साइट स्पेशफिक प्लांटेशन के लिए उचित प्रजातियों का चयन करते हुए रोपित पौधों की सिंचाई व सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।

देश की सुरक्षा में अमूल्य योगदान देने वाले तथा अपना सर्वस्व बलिदान कर निरन्तर राष्ट्र सेवा में रत रहने वाले वीर सेनानियों के सम्मान में स्थापित किये जा रहे शौर्य वन हेतु प्रत्येक प्रभाग में क्षेत्र का चयन कर शहीद वीर सेनानी के गांव को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय प्रजातियों के रोपण को प्राथमिकता तथा रोपण कार्याक्रमों में अमर शहीद सेनानी एवं वर्तमान में कार्यरत व सेवानिवृत्त सेनानियों के परिवार जनों तथा सेनानियों व स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिवार जनों की विशेष भागीदारी सुनिश्चित की जाए। वृक्षारोपण की सही एवं वैज्ञानिक तकनीक का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा उद्यान विभाग की पौधशालाओं से ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के अन्तर्गत नवजात शिशुओं के जन्म अवसर पर दिये जाने वाले पौधो में कलमी आम के पौधों को वरीयता दी जाए।

इस अवसर पर, प्रमुख सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, अनिल कुमार प्रमुख सचिव, उद्यान, बीएल मीना, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, सुनील चौधरी, अध्यक्ष, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डा.रविन्द्र प्रताप सिंह, वन एवं अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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