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AAPMRCON 2025: में पूनर्वास चिकित्सा की आधुनिक तकनीकी बताई

आरएमएल में तीन दिवसीय चलेगी वैज्ञानिक चर्चा

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में पूनर्वास चिकित्सा की आधुनिक तकनीकी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

शुक्रवार को डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पीएमआर विभाग द्वारा तीन दिवसीय AAPMRCON 2025 की शुरुआत की। जिसमें पहले दिन वैज्ञानिक गतिविधियाँ में कई विषयों पर चर्चा की गयी।

कार्यशाला के दौरान तीन प्रमुख संगोष्ठियों में इसेन्स ऑफ़ रिहेबिलीटेशन, बोक्सीया, और rTMS इन रिहेबिलीटेशन ने देशभर से आए प्रतिभागियों को पुनर्वास चिकित्सा के आधुनिक, संवेदनशील और तकनीक-संचालित आयामों से अवगत कराया गया।

इसेन्स ऑफ़ रिहेबिलीटेशन ऑटोलॉजी आधारित पुनर्वास की अवधारणा

पहली संगोष्ठी का संचालन कैनी गोगिया, ऑटोलॉजिस्ट एवं होलिस्टिक हेल्थ कोच, द्वारा किया गया। उनके “साइलेंट स्क्रीम ” सत्र ने मरीजों की उन अनकही भावनात्मक चुनौतियों को उजागर किया, जो वे बीमारी और विकलांगता के दौरान अक्सर व्यक्त नहीं कर पाते।

इसके पश्चात पैनल चर्चा में दिल्ली से डॉ नोनिता गंगवानी, डॉ आभा खेत्रपाल, अरविंद दत्त अब्दाली, लखनऊ शेखर सिंह, केपी मिश्र व अन्य शहरों से आए प्रेरक वक्ताओं, चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दिव्यांगजन ने भाग लिया।

वहीं प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. दिलीप कुमार, एवं प्रो. सुधीर मिश्रा, पीएमआर विभाग, केजीएमयू द्वारा की गई। बोक्सीया में दिव्यांगजनों के लिए पैरा-ओलंपिक खेल बोशिया का महत्व

दूसरी संगोष्ठी का संचालन संस्थान के डॉ. अमित रंजन, सहायक प्रोफेसर, पीएमआर द्वारा किया गया। उन्होंने बोक्सीया स्पोर्ट फॉर पर्सन्स विथ डिसाबिलिटीज विषय पर प्रस्तुति दी।

जिसमें विषय था बोशिया खेल की पुनर्वास में भूमिका, मोटर कौशल में सुधार, निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास बढ़ाने और सामाजिक सहभागिता को सुदृढ़ करने पर विशेष चर्चा की गई।

सत्र की अध्यक्षता प्रो. वी.एस. गोगिया, विभागाध्यक्ष pi एम आर एवं डॉ. नीरज सिंह, बहराइच द्वारा की गई। तीसरे सत्र में rTMS इन रिहेबिलीटेशन न्यूरोमॉड्यूलेशन का भविष्य

तीसरी संगोष्ठी में rTMS (रिपेटिटिव ट्रांसक्रेनाल मागनेटिक स्टीमलेशन) जैसे आधुनिक तकनीक-आधारित उपचार पर विस्तृत चर्चा हुई। इसकी संयोजक डॉ सारिका मिश्रा, सीनियर रेजिडेंट वक्ताओं में शामिल थे। प्रो. आयशा जुही, एम्स देवघर, डॉ यशवीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर आरएमएल, डॉ सारिका मिश्रा, सीनियर रेजिडेंट, पीएमआर, प्रो. विमल कुमार पालीवाल, प्रोफेसर, न्यूरोलॉजी पीजीआई, लखनऊ।

सत्र की अध्यक्षता प्रो. अनिल कुमार गुप्ता,एचओ डी पीएमआर केजीएमयू एवं डॉ. जावेद अहमद, UPUMS सैफई द्वारा की गई।

इस सत्र में rTMS मशीन का लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें समझाया गया कि यह तकनीक स्ट्रोक, सेरेब्रल पाल्सी, न्यूरोलॉजिकल विकार, क्रॉनिक दर्द और अवसाद जैसे मामलों में कैसे मदद करती है।

देशभर से आए चिकित्सकों, पुनर्वास विशेषज्ञों, मेडिकल विद्यार्थियों, एवं दिव्यांगजन रोगियों एवं विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से चर्चाओं में भाग लिया। इसी क्रम में

कल संगोष्ठी का दूसरे दिन का कार्यक्रम एसजीपीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेंटर में होगा। जिसमें हैंडस ऑन MSK अल्ट्रासाउंड वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। इसमें Dr सिद्धार्थ राय, डॉ कंचन शर्मा (जयपुर), डॉ हरलीन उप्पल (स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली), डॉ ओसामा नेयाज (KGMU), और

डॉ स्निग्धा मिश्रा प्रतिभागियों को पेरिफरल नर्व अल्ट्रासाउंड का व्यावहारिक प्रशिक्षण देंगे। प्रो. वीएस गोगिया ने कहा कि प्रथम दिवस ने पुनर्वास के मूल सिद्धांतों और तकनीकी प्रगति दोनों का उत्कृष्ट सम्मिश्रण प्रस्तुत किया।

आयोजन सचिव डॉ. यशवीर सिंह ने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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