मीराबाई ने जहर पीकर भी भगवान का साथ नहीं छोड़ा -पुण्डरीक गोस्वामी
लक्ष्मण नगरी में दूसरे दिन ज्ञान रूपी अमृत वर्षा

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी ले डीएवी कॉलेज में श्रीमद् भागवत के दूसरे दिन ज्ञान रूपी अमृत वर्षा हुई। सोमवार को श्रीमद् भागवत राधारमण कथा वाचक पुण्डरीक गोस्वामी महाराज द्वारा प्रयाग में चल रहे संगम की बात कहते हुए कहा कि लखनऊ में भी संगम ही चल रहा है यहाँ संगम श्रीमद् भागवत का है। जिसमें गंगा यमुना सरस्वती तीनों समायी हुई है। प्रयाग में कुछ ही तिथियां महत्वपूर्ण है, परन्तु यहां 7 तिथियों तक अमृत वर्षा होती रहेगी। गोस्वामी महाराज ने कहा कि प्रेम सेवा यह सब भाव भक्ति के है। ठाकुर जी की सेवा करना बहुत सरल है वृन्दावन जाकर ठाकुर जी को लेकर आ जाते है और उनकी सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक बालक की सेवा की जाती है,भगवान जन्म नहीं लेते है,ऐसा नहीं है। भगवान जन्म नहीं ले सकते है भगवान को जन्म देने वाला तैयार हो जैसे मथुरा में यसोदा नन्द ने जन्म लेकर ठाकुर जी को जन्म दिया। हमारे भारतवर्ष में तमाम महापुरूष हुए है। जिसमें हमारी मीराबाई भी है, जिन्होंने जहर पीकर भी श्याम का साथ नहीं छोड़ा यह सच्चा प्रेम है। किसी भी वस्तु को अपने में विभाजित करेंगे वह माया है,इसको जीतना हो तो यह उसका है इस जगह का 7दिन सुख लेना है। इसी तरह इस प्रथ्वी लोक पर कुछ दिन बाद सभी का तम्बू उखड़ कर जाने वाले है यह न मेरा है न तेरा है। हमारे राधारमण जी अपनी बंसुरी से सभी के अंधकार को दूर करते है। उन्होंने कहा कि बृज में एक पं. बाबा रहते है जिनकी जटा बहुत बड़ी-बड़ी थी एक दिन कुंज से होकर गुजर रहे थे तो उनकी जटा कुंज में फस गयी तो और संत ने कहा कि हम निकाल दें। बाबा ने मना कर दिया। जिसने फसाया है,वही निकालेगा खड़े-खड़े बहुत दिन हो गये। तब ठाकुर जी ने पहुंच कर कहा कि हम छोड़ दे,कहा कि आप कौन है कहा कि जिसको आप बुला रहें है, कहा हम नहीं मानते है ठाकुर जी ने यसोदा मईया को बुुला कर लाये परन्तु नहीं माने जब राधा को बुला कर लाये तब माना क्योंकि उन्हें राधारमण के दर्शन करने थे।3 श्लोकों में भागवत का मंगलाचरण हुआ है भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय, 12स्कन्ध में श्रीमद् भागवत कथा विष्णु के लीला अवतारों का वर्णन है। शुकदेव भागवत कथा को सुनकर जब घर वापस आये तो उसे आत्मसात किया विधा की प्राप्ति गुरू के बिना नहीं हो सकती है। भागवत एक कथा है कथा ज्ञान नहीं है विधा है। कृष्ण के लिए सबसे बड़ा प्रेम होता है जो भक्त प्रतिज्ञा करता है वहीं भगवान की प्रतिज्ञा होती है। महाभारत के युद्ध को प्रंसग सुनाया। जिसमें भीष्मपितामः एवं कृष्ण का वर्णन किया। सुमिरन,सत्संग, सेवा एक स्थिति के तीन प्रवाह है। आज पण्डाल में भाव का जाम लग गया है।वहीं राधारमण लाल की जयकारों से पण्डाल गूंज उठा। सभी भक्त राधा संर्कीतन में लीन होकर आरती के साथ कथा का समापन किया गया। पूरा पण्डाल राधामय भजनों से गुंजायमान हो उठा। इसी क्रम में आयोजक अमरनाथ मिश्र ने बताया कि हजारों की संख्या में भक्त कथा प्रारम्भ होने से पहले पण्डाल में बैठ गये भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि कथा में मुख्य रूप से विधायक नीरज बोरा, लोकेश अग्रवाल, नवीन गुप्ता, शिवम बंसल, आनन्द रस्तोगी, राहुल गुप्ता सुनील मिश्र, मनोज राय, कुश मिश्रा, अनुराग मिश्र, चारू मिश्रा समेत राधारमन भक्त उपस्थिति रहे।