युवा पीढ़ी को स्वस्थ बनाना समय की जरूरत -योगी आदित्यनाथ
पीजीआई का मना 41वां स्थापना दिवस
मुख्यमंत्री ने शोधार्थियों को किया पुरस्कृत
ब्रजेश पाठक, मयंकेश्वर शरण सिंह, पार्थ सारथी सेन शर्मा,प्रो आरके धीमन रहे मौजूद
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान का 41वां स्थापना दिवस मनाया गया। शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि उप्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह मौजूद रहे। वहीं स्थापना दिवस समारोह सुबह ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर व भर्ती मरीजों को न्यूट्रिशन पैक और शुभकामना कार्ड के वितरण के साथ शुरू किया गया। साथ ही
संस्थान परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया। इस मौके पर निदेशक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधीक्षक, डीन, संयुक्त निदेशक प्रशासन के साथ ही उद्यान एवं इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी शामिल रहे।
स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रजवलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। निदेशक प्रो.आरके धीमन ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही अभिभाषण वक्ता डाक्टर गीतांजलि पद्मनाभन का अभिभाषण की प्रस्तुति दी जो सराहनीय रहा। उन्होने कहा कि शिक्षक, शोधकर्ता, छात्र अपने गहन व्यापक शिक्षण, प्रशिक्षण और सीखा हुआ समाज को वापस देने के कारण ही संस्थान के पथप्रदर्शक हैं। नर्सिंग. उन्होंने संस्थान की उत्तरोत्तर हुई प्रगति के लिये पैरा मेडिकल, तकनीकी और सपोर्ट स्टाफ के योगदान को भी सराहा। उन्होने वर्तमान समय मे विद्यार्थियों में घटती जिज्ञासा पर भी चिन्ता जाहिर की और कहा कि आज के समय मे मेडिकल जर्नल की प्रतिस्पर्धा रीलों, ऑनलाइन ध्यान भटकाने वाली चीजों से है। शिक्षाविद को सदैव सीखते रहना चाहिए। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा डाक्टर गीतांजलि पद्मनाभन को व्याख्यान पट्टिका प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री द्वारा संस्थान की कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं को उनके उत्कृष्ट शोध कार्यो के लिए और सर्वश्रेष्ठ छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने संस्थान परिवार को बधाई देते कहा कि एसजीपीजीआई अब पूरे प्रदेश में मेडिकल शिक्षा के मानक तय कर रहा है। अगले 5 साल संस्थान के विकास में अधिक महत्वपूर्ण होंगे। उन्होने कहा कि पीजीआई प्रदेश का पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे 500 करोड़ का सीएसआर फंड मिला है। तकनीक से जुडकर चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र महत्वपूर्ण कार्य हो रहे है। स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी आगे भी साथ-साथ चलेंगे।
उन्होने कहा कि कोविड महामारी के दौरान प्रो. धीमन की अध्यक्षता में सलाहकार समिति का गठन किया गया था। 75 जिलों में वर्चुअल आईसीयू के प्रबंधन के लिए टेली आईसीयू का उपयोग हुआ।
स्वास्थ्य का अधिकार प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। युवा पीढ़ी को स्वस्थ बनाना समय की मांग है। एसजीपीजीआई को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित करना हमारा दृष्टिकोण होगा। इसके लिये हमें अपनी गति कई गुना बढ़ानी होगी।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा भी उपस्थित थे। मयंकेश्वर शरण सिंह सभी को स्थापना दिवस की बधाई दी व पैरामेडिकल स्टाफ का विशेष धन्यवाद दिया। वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने हमारे देश में बीमारी के बोझ को कम करने के लिए युवाओं को प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने, संतुलित आहार के लिये जागरूक करने और शारीरिक और मानसिक फिटनेस के लिए प्रशिक्षित करने के लिए एसजीपीजीआई में एक खुशहाल जीवन केंद्र खोलने की बात कही।
कार्यक्रम का समापन संकायाध्यक्ष प्रोफेसर शालीन कुमार द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया गया।