अंतर्राष्ट्रीयउत्तर प्रदेशबड़ी खबरराष्ट्रीय

मैनपुरी गांव बना ग्रामीण पर्यटन का नया केंद्र

 मिट्टी के बर्तन माखन बनाना और जखदर महादेव मंदिर ने दिखाया ग्रामीण भारत का असली रंग- मंत्री जयवीर सिंह

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। भारत भूमि का ग्रामीण आंचल भी विदेशी पर्यटकों को लुभाने लगा है।

मैनपुरी के भांवत गाँव ने स्पेन से आए विदेशी मेहमानों को ग्रामीण जीवन की वास्तविक झलक दी।

ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत हुए इस दौरे में अतिथि (फ़ेरेस मरीन सैंड्रा, लूर्देस गिराल्डो रोड्रिग्ज़ और सिंतिया बेलन बोनीनो) ने उत्तर प्रदेश के बदलते ग्रामीण परिवेश, स्थानीय संस्कृति और कृषि व्यवस्था को समझा।

गाँव के प्रतिनिधि विश्राम सिंह ने उन्हें गाँव का भ्रमण कराया, स्थानीय परिवारों से मिलवाया और पीढ़ियों से संरक्षित पारंपरिक कला और शिल्प परंपराओं से परिचित कराया।

इस अनुभव ने विदेशी मेहमानों को ग्रामीण समुदाय की आत्मीयता, सहजता और सांस्कृतिक समृद्धि का नजदीक से अहसास कराया।

उन्होंने पारंपरिक बिलौना विधि से माखन बनाना सीखा, मिट्टी के बर्तन बनाने का काम देखा, सिंघाड़ा खेती का अवलोकन किया और प्रसिद्ध प्राचीन जखदर महादेव मंदिर भी गए, जो स्वयंभू शिवलिंग और 200 वर्ष पुराने पवित्र वृक्ष के लिए जाना जाता है। बुधवार को

यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मेहमान ‘रोहित होमस्टे’ में ठहरे, जिसे ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत विकसित किया गया है। जहाँ उन्होंने प्राकृतिक और वास्तविक परिवेश में गाँव का जीवन, भोजन परंपराएँ और मेहमाननवाजी का लुफ्त उठाया।

भांवत गाँव सारस सर्किट संरक्षण परिदृश्य का हिस्सा है और यहाँ 10 हेक्टेयर का जलाशय है, जहाँ राज्य पक्षी सरस और कई विदेशी प्रवासी पक्षी आते हैं। यह गाँव सिंघाड़ा उत्पादन का प्रमुख केंद्र भी है, जिसकी उपज दिल्ली के आज़ादपुर मंडी तक जाती है।

पर्यटन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए गाँव में 10 होमस्टे पंजीकृत किए गए हैं। इन होमस्टे के मालिकों को लखनऊ स्थित मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान में पाँच दिन का प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि वे पर्यटकों को बेहतर अनुभव दे सकें।

ग्रामीण स्थलों में बढ़ती रुचि के बारे में बोलते हुए पर्यटन एवं संस्कृत मंत्री जयवीर सिंह ने कहा,“पर्यटक उन जगहों पर ज़्यादा जा रहे हैं जहाँ उन्हें ग्रामीण परिवेश के अनुभव मिलते हैं। मैनपुरी के आँकड़े यह साफ़ बताते हैं कि, 2023 में 18,72,670 पर्यटक आए, जो 2024 में बढ़कर 20,04,724 हो गए और 2025 की पहली छमाही में ही 6,92,130 का आंकड़ा पार कर चुके हैं।

हम होमस्टे, फार्मस्टे और स्थानीय सुविधाओं को मजबूत कर रहे हैं, ताकि पूरे उत्तर प्रदेश के गाँव सार्थक पर्यटन के केंद्र बन सकें।

मंत्री जयवीर सिंह ने आगे कहा “मैनपुरी के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों और पर्यटन आकर्षणों के पुनर्जीवन पर 27.35 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है। इसमें जाखौआ गाँव स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर और पडरिया गाँव स्थित काली माता मंदिर सहित अन्य आध्यात्मिक स्थलों का विकास शामिल है। ये प्रयास मैनपुरी की पर्यटन क्षमता को और बढ़ाएंगे।

समुदाय की भागीदारी, ग्रामीण आजीविका से जुड़े प्रयास और पर्यटन सुविधाओं में लगातार हो रहा सुधार उत्तर प्रदेश को ग्रामीण और आध्यात्मिक पर्यटन का तेजी से उभरता केंद्र बना रहे हैं। सरकारी योजनाओं और स्थानीय लोगों के सहयोग से ऐसे गाँव विकसित हो रहे हैं जहाँ आने वाले पर्यटक संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं का असली रूप करीब से देख सकते हैं।

बेहतर होती सुविधाएँ, होमस्टे के माध्यम से बढ़ते रोजगार के अवसर और संरक्षण पर जोर देने वाली नीतियाँ मिलकर राज्य के पर्यटन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इन सभी प्रयासों की बदौलत उत्तर प्रदेश आज पर्यटकों के लिए एक ऐसा भरोसेमंद और आकर्षक गंतव्य बन रहा है, जहाँ उन्हें आत्मीयता, विविधता और सच्चा ग्रामीण अनुभव सब एक ही जगह मिलता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button