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जल के बिना जीवन की कल्पना असंभव- स्वतंत्रदेव सिंह

1090 चौराहे से भूजल सप्ताह का किया शुभारम्भ

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में पर्यावरण संरक्षण का बिगुल बजाया गया। बुधवार को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने 1090 चौराहे पर भूगर्भ जल सप्ताह का शुभारंभ करते हुए कहा कि जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव है।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आवश्यकताएं बढ़ीं, वैसे-वैसे जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ, जिससे प्रदेश के कई क्षेत्रों में भूजल स्तर में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है। जलशक्ति मंत्री ने गोमती नगर स्थित मरीन ड्राइव पर ‘भूगर्भ जल विभाग, उत्तर प्रदेश’ एवं ‘क्लाइमेट पर चर्चा संस्थान’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘भूजल सप्ताह’ शुभारंभ के अवसर पर व्यक्त की।

कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, पर्यावरण प्रेमियों और समाजसेवियों के साथ सहभागिता की। उन्होंने इस अवसर पर जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा पर केंद्रित प्रेरणादायी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही, जन जागरूकता के लिए प्रारंभ किए गए विशेष अभियानो में ‘मिशन नीर रक्षक एवं परिवर्तन की मशाल मार्च’ को फ्लैग ऑफ किया।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक “भूजल सप्ताह ” का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आमजन को जल संरक्षण एवं भूजल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं एवं स्वयंसेवकों ने “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” की भावना को आत्मसात करते हुए जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया।

‘मानव जल बूँद संरचना’ एवं ‘परिवर्तन की मशाल’ जैसी प्रभावशाली प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने समाज में सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया।जलशक्ति मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 70 फीसदी सिंचाई, 80 फीसदी पेयजल आपूर्ति और 85 फीसदी उद्योगों की आवश्यकताएं भूजल से ही पूरी की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में केवल 20 विकासखण्ड अतिदोहित श्रेणी में थे, जो अब बढ़कर 95 हो चुके हैं, जबकि सुरक्षित विकास खण्डों की संख्या घटकर 566 रह गई है।

स्वतंत्र देव सिंह ने भूजल संरक्षण की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए “मिशन नीर रक्षक-1000 नल, 100 घंटे”, रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता, उत्तर प्रदेश भू-गर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 के क्रियान्वयन, भूजल प्रबंधन पोर्टल की स्थापना और जिला भूजल प्रबंधन परिषदों की सक्रियता जैसे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “कैच द रेन” अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान वर्षा जल संचयन को जन-आंदोलन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

मंत्री ने “अटल भूजल योजना” के अंतर्गत बुंदेलखंड समेत 10 जनपदों के 26 विकासखण्डों में चल रही भूजल प्रबंधन परियोजना का भी उल्लेख किया। जिसमें 550 ग्राम पंचायतों में व्यापक जनसहभागिता के साथ ‘वॉटर सिक्योरिटी प्लान’ तैयार कर जल की खपत कम करने और संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अपने प्रेरणादायी समापन वक्तव्य में मंत्री ने सभी से अपील की कि वे भूजल संरक्षण को अपनी सामूहिक जिम्मेदारी मानते हुए इसके संरक्षण व संवर्धन में भागीदार बनें। उन्होंने कार्यक्रम के अंत में सभी सहभागियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, स्वयंसेवकों एवं अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और सभी से अपील की कि वे जल संरक्षण के इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाएं।

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