तम्बाकू छोड़ने से हृदय की धड़कन रक्तचाप होता सामान्य – डॉ. चौधरी
कल विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

2015 से लगाकर अब तक 25 हज़ार लोग हुए लाभान्वित
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। तम्बाकू सेवन से मानसिक और आर्थिक दोनों तरफ से नुकसान होता है। तम्बाकू से बने उत्पादों का सेवन सेवन से व्यक्ति को जान से हाथ तक धोना पड़ सकता है, जिसका खामियाजा परिवार को भुगतना पड़ता है। शुक्रवार को यह जानकारी बलरामपुर अस्पताल के परामर्शदाता व कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र कुमार चौधरी ने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के पूर्व दी।
डॉ. चौधरी ने बताया कि तम्बाकू एवं इसके उत्पादों के सेवन से कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारियाँ हो सकती है। तम्बाकू किसी भी रूप में लें चाहे , हुक्का, तंबाकू युक्त पान मसाला, मिसरी, बीड़ी , सिगरेट, गुल हो या एवं अन्य धुआँ रहित तंबाकू सेवन से नुकसान ही होता है। उन्होंने कहा कि शोध बताते हैं कि सभी में 4000 से अधिक विषैले और कैंसर कारक तत्व मौजूद होते हैं। जिससे मुंह का कैंसर सहित अन्य प्रकार के कैंसर व शारीरिक समस्याएं हो सकती है। लगभग 85 से 90 फीसद मुंह का कैंसर तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्तियों में होते हैं।
कैंसर के अलावा टीबी, फेफड़े एवं सांस संबंधी रोग ज्यादा गंभीर स्थिति में पहुँच सकते हैं और जिनका इलाज भी लम्बे समय तक चलता है।
गर्भवती यदि धूम्रपान करती हैं तो मृत बच्चे का जन्म या गर्भस्थ शिशु की मौत या समय पूर्व बच्चे का जन्म हो सकता है।
यदि किशोर तम्बाकू का सेवन करते हैं तो उनमें नपुंसकता तक आ सकती है। इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। इसलिए तम्बाकू से बनायें दूरी- जीवन है जरूरी।
डॉ. चौधरी बताते हैं कि टोल फ्री नम्बर 1800-11-2356 पर कॉल करके शंकाओं का समाधान किया जा सकता है।
जानें तम्बाकू छोड़ने के फायदे..
डॉ. चौधरी बताते हैं कि तम्बाकू छोड़ने से हृदय की धडकन और रक्तचाप सामान्य हो जाता है। रक्त में विषैली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घट जाता है। रक्त संचार एवं फेफड़ों का कार्य बेहतर हो जाता है। हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। खांसी, थकान और सांस की समस्या में कमी आती है। मुंह, गले, भोजन नाली, ब्लेडर, गर्भाशय ग्रीवा, और पाचक ग्रंथि के कैंसर का जोखिम कम हो जाता है। डॉ. चौधरी ने बताया कि कोटपा अधिनियम, 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध है, 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तथा शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के एरिया में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है।
तंबाकू या तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य सम्बन्धी चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है। अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने पर अर्थदंड या कारावास का प्रावधान है। वहीं
तंबाकू उन्मूलन केंद्र की परामर्शदाता डा. रजनी ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल बलरामपुर में तंबाकू उन्मूलन केंद्र है। जहाँ पर लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है तथा इस आदत से छुटकारा दिलाने में मदद की जाती है। यह सभी सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।
साल 2015 में इस केंद्र की शुरुआत की गई है और तब से अब तक लगभग 25,हज़ार लोगों को इस केंद्र द्वारा सेवाएं दी गई हैं। वितीय वर्ष 2024-25 में 8,000 लोगों को इस केंद्र पर सेवायें दी गयीं है। जिसमें 1,000 लोगों को तम्बाकू छोड़ने के लिए दवाएं दी गयीं।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने का उदेश्य..
लोगों को तम्बाकू व उसके उत्पादों के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है “ अपील का पर्दाफाश: तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योगों की चालों को उजागर करना है।