केजीएमयू की 120 वर्ष की रही शानदार यात्रा – मुख्यमंत्री
अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशन सेंटर में मना 120 वां स्थापना दिवस
ब्रजेश पाठक, मयंकेश्वर शरण सिंह, मनिन्दर अग्रवाल, प्रो सोनिया नित्यानंद रही मौजूद
केजीएमयू स्थापना दिवस में मेधावी हुए सम्मानित
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने 120 वर्षो की लंबी यात्रा पूरी करते शनिवार को अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशन सेंटर में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, विशेष अतिथि चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आईआईटी कानपुर निदेशक मनिन्दर अग्रवाल संस्थान कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद मौजूद रही। वहीं मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। साथ ही संस्थान द्वारा तैयार नियमावली पुस्तक का विमोचन किया गया । उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह संस्थान देश में सबसे बड़े चिकित्सा संस्थानों में बेसुमार है। मुख्यमंत्री ने कहा यह संस्थान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंशा अनुरूप कार्य करते हुए आज देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि बजट की कोई कमी नहीं है जहाँ पर जरुरत होगी उसके लिए सरकार बजट जारी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 300 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिसमें रोबिटिक सर्जरी सुपर माइक्रो सर्जरी, अत्याधुनिक लैब के लिए धनराशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा फायर सिक्योरिटी के लिए 46 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि लारी कार्डियोलॉजी के लिए और अन्य विभागों के लिए 70 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है। इससे चिकित्सा संस्थान में आने वाले मरीजों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं आईआईटी कानपुर और केजीएम संस्थान के साथ समझौता भी किया गया है। इससे माना जाता है कि चिकित्सा संस्थान में अत्याधुनिक सुविधाओं में और अधिक मजबूती मिलेगी।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्र -छात्राओं को मेडल से सम्मानित किया। बता दें कि अबकी बार मेधावीयों में छात्राओं ने 80 फीसदी दावेदारी पेश की है और छात्रों की 19.66 फीसदी की दावेदारी रही। ज्ञात हो कि यह संस्थान कि स्थापना 1905 में की गई थी और केजीएमसी को 16 सितम्बर 2002 को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।इसे 2007 में तत्कालीन सरकार ने इसका नाम छत्रपति साहू जी महराज चिकित्सा विश्वविद्यालय कर दिया था। लेकिन 5 साल बाद सत्ता बदलते ही इसे पुराना नाम किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी मिल गया।
मेधावियों में 53 छात्राओं ने मारी बाजी..
63 गोल्ड मेडल में 34 एमबीबीएस व 29 बी डी एस छात्रों को दिया गया। वहीं 44 सिल्वर मेडल में 19 एमबीबीएस व 25 बी डी एस छात्रों को सम्मानित किया गया।