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25 तक कालाजार बचाव को इनडोर रेजिडेंशियल स्प्रे की शुरुआत

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एक भी घर न छूटने के दिए निर्देश

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में कलाजार बचाव के लिए घरों में स्प्रे कराया गया। बुधवार को

राष्ट्रीय कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत अहिबरनपुर क्षेत्र में इनडोर रेजिडेंशियल स्प्रे (आईआरएस)का छिड़काव किया गया। यह 10 नवम्बर से शुरू हुआ है और 25 नवम्बर तक चलेगा।

इसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने जानकारी दी कि अहिबरनपुर क्षेत्र के 265 घरों की 1730 जनसँख्या को आच्छादित किया जायेगा। इसमें दो टीमें लगायी गयी हैं हर टीम में दो सदस्य हैं।

पिछले साल नवम्बर माह में अलीगंज के अहिबरनपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति कालाजार से पीड़ित चिन्हित हुआ था। विभाग द्वारा उसकी जाँच और इलाज सुनिश्चित किया गया। हर छह माह पर छिड़काव कराया जा रहा है। छिड़काव के दौरान एक भी घर न छूटे इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है और टीमों को भी इस बारे में निर्देश दिए गए हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज मिलने के तुरंत बाद ही क्षेत्र में आईआरएस का छिड़काव किया गया था व घर के 500 मीटर के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जाँच भी की गयी थी। कोई अन्य व्यक्ति कालाजार से प्रभावित नहीं था।

अब तक क्षेत्र में दो बार छिड़काव कराया जा चुका है। यह तीसरा छिड़काव है। छिड़काव के दौरान लोगों को लक्षणों की पहचान एवं इलाज की जानकारी दी जा रही है। अब तक 60 घरों में आईआरएस किया जा चुका है।

जानें कालाजार के बारे में..

कालाजार लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है। इस परजीवी का ज्यादातर समय मनुष्यों के शरीर में रहकर बीतता है। इस परजीवी की वाहक बालू मक्खी है।

इस कालाजार के लक्षण..

किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा बुखार हो, उसका पेट फूल या बढ़ गया हो, वजन कम हो रहा हो, रक्त में कमी हो गई हो और प्राथमिक उपचार से ठीक न हो तो उसे काला जार हो सकता है।

छिड़काव के दौरान सावधानियां..

>>छिड़काव से पहले सभी कमरों को खाली कर दें।

>> रसोई में छिड़काव करने से पहले सभी खाद्य पदार्थों को रसोई से बाहर कर दें।

घर के सारे कमरों की दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक छिड़काव करवाएं।

>> कीटनाशक का छिड़काव दस हफ्तों तक प्रभावशाली होता है। इस अवधि के दौरान दीवारों पर पेंट, मिट्टी, चूना न कराएँ क्योंकि इससे कीटनाशक का प्रभाव कम हो जाएगा।

>> कीटनाशक का छिड़काव कराने से कम से कम चार घंटे तक घर से बाहर रहें, घर के अंदर प्रवेश न करें।

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