उत्तर प्रदेशजीवनशैली

आरएमएल में मना अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

संस्थान निदेशक ने नर्सिंग कर्मियों को दी बधाई

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी के चिकित्सा संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया गया। सोमवार को डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर संस्थान निदेशक प्रो. सीएम सिंह दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बता दें कि इसकी शुरुआत 1965 में इंटरनेशनल काउंसिल आफ नर्सेज ने की थी। जिसके बाद जनवरी 1974 में प्रत्येक वर्ष 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल जिन्हें आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक के रूप में जाना जाता है।

इसके उपलक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज सप्ताह का शुभारम्भ 6 मई को संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया था। वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं संस्थान के अन्य सम्मानित फैकल्टी सदस्य, मुख्य नर्सिंग अधिकारी, व सर्मपण नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल महोदया, डॉ. दीप्ती शुक्ला तथा संस्थान में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। संस्थान निदेशक ने समस्त नर्सिंग अधिकारियों को अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस की बधाई देते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोगियों के प्रति नर्सिंग कार्याे की प्रशांसा की।

इस वर्ष की थीम “हमारी नर्से हमारा भविष्य” नर्सो की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक, प्रो.विक्रम सिंह, प्रो.अतुल जैन, प्रो.धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार सिंह, सुमन सिंह, मुख्य नर्सिंग अधिकारी, संस्थान में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इसी क्रम में 8 व 9 मई अपरान्ह में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन में नर्सिंग अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतियां दी गयी।

संस्थान की मुख्य नर्सिंग अधिकारी, सुमन सिंह ने अपने अभिभाषण के दौरान बताया कि संगीत कई अलग-अलग शैलियों का एक सहयोग है। जिसका उद्देश्य सार्वभौमिकता का संचार करना और व्यक्तियों, जोड़ों, परिवारों, समूहों और समुदाय के लिए उपचार लाना है। संगीत कई मायनों में सेहत को फायदा पहुचा सकता है। खासतौर पर मानसिक स्वास्थ्य के लिए संगीत सुनना एक अच्छी थेरेपी मानी जाती है।

10 मई को मुख्य नर्सिंग अधिकारी की अध्यक्षता में संस्थान परिसर के मुख्य अस्पताल भवन के ओपीडी-1 में सभी नर्सिंग अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपड़ किया गया। जिसके उपरान्त शाम को 4 से 6 बजे के बीच विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें 100 मीटर रेस में सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। मुख्य नर्सिंग अधिकारी नें अपने संबोधन में बताया कि खेल बच्चों को शारीरिक रूप से फिट रखने में मदद करता है, साथ ही उन्हें भावनात्मक रूप से खुश रखने में मदद व तनाव से मुक्त रखता है खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होता है। साथ ही बीते

11 मई को कार्डियेक थोरोसिस नर्सिंग सेमिनार का आयोजन सीटीवीएस विभाग द्वारा किया गया। जिसमें जानकारी दी की एक कार्डियेक केयर नर्स हृदय रोग या अन्य स्थितियों से पीडित मरीजों की देखभाल करती है। जिनमें कोरोनरी, धमनी रोग से लकर हृदय विफलता और बाई पास सर्जरी तक की समस्याएं शामिल है। वहीं

12 मई को संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह द्वारा फ्लोरेंस नाइटिंग के जीवनी पर संक्षिप्त विवरण देते हुए मरीजों के देख-भाल में नर्सिंग के उत्तरदायित्वों को समझाया। इन्होने नर्सिंग स्टाफ को फ्लोरेंस नाइटिंग के जीवनी से प्रेरणा के लिए प्रेरित किया साथ ही इनके अच्छे कार्य की सराहना किया। उन्होंने बताया कि अपने संस्थान के रोगियों के साथ हमें दूसरे चिकित्सा संस्थानों से उच्च दर्जे का व्यवहार स्थापित करना है और नर्सिंग प्रोफेशन मरीजों के प्रति करूणा एवं प्रेम से जुड़ी एक कड़ी है। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विक्रम सिंह ने समस्त नर्सिंग संवर्ग को बधाई देते हुए बताया कि प्रत्येक भारतीय को नर्सिंग स्टाफ का सम्मान करना चाहिए।

नर्सिंग संवर्ग को अपने मरीजों के देख-रेख में गुणवत्ता बनाये रखना है। उन्होंने सुझाव दिया कि अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस की भॉति राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस को मनाये जाने की आवश्यकता है। सीनियर नर्सिंग स्टाफ को अपने से जूनियर नर्सिंग स्टाफ को मरीजों के देख-रेख सम्बन्धित समय-समय पर उचित सुझाव देना चाहिए। इस अवसर पर इन्होंने बु़द्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए बताया की जिस प्रकार महात्मा बुद्ध ने निस्वार्थ दूसरों की सेवा के प्रति अपना जीवन समर्पण कर दिया उसी प्रकार हम सभी ने रोगियों के प्रति निस्वार्थ भावना के साथ देखभाल करते रहना चाहिए। वहीं संस्थान की मुख्य नर्सिंग अधिकारी सीएनओ सुमन सिंह ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की शुरूवात 1965 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज ने की थी। जिसके बाद जनवरी 1974 में 12 मई को अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। सीएनओ ने अपने अभिभाषण के दौरान निम्न बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि

नर्सों का एक रोगी के जीवन में काफी महत्व है। यूं भी कह सकते हैं कि हमे जिन्दा रखने में नर्सों की बड़ी भूमिका होती है। वह मरीजों की देखभाल के लिए अपने सुख चैन त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करती हैं। उनके जज्बे को सलाम करनें के लिए यह दिन चुना गया है यह दिन दुनिया भर की नर्सों को समर्पित है।

मानवीय देखभाल रोगी के मानवीय और कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए एक नर्स की रोगी के प्रति सार्थक भूमिका होती है। एक नर्स समानता को बढ़ावा देती है जो यह सुनिश्चित करता है कि रोगियों के अधिकार सुरक्षित हैं। हमारी नर्सेज कठिन परिस्थितियों में भी कार्य करती है। जिसे हर स्तर पर सराहा गया है। उन्होने बताया की हमें आगे बढ़ते रहना है क्योंकि बिना नर्सेस के अस्पताल कुछ भी नहीं है नर्सेस अस्पताल की एक आत्मा होती है तथा मानव सेवा भगवान की सेवा होती है। आज कल के आधुनिक युग में आर्टिफिशल इंटेलेगेंस नर्सिंग की सेवा में आने से हम सब को ज्यादा सावधान एवं सचेत रहने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिन नर्सिंग अधिकारियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया है, उन्हें हम सबने सलूट करना चाहिए। आज कल हमारी नर्सेज हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है।

प्रोग्राम के अन्त में निदेशक,चिकित्सा अधीक्षक द्वारा संस्थान में कार्यरत अधिकारियों,कर्मचारियों,नर्सिंग विद्यार्थियों को इनके अच्छे कार्यो के लिए पूरस्कार वितरित कर इनको प्रोत्साहित किया गया।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button