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बलरामपुर अस्पताल में मना अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। बलरामपुर अस्पताल में ध्यान मुद्रा के बारे बताया गया। शनिवार को चिकित्सालय के आयुष विभाग में योग विशेषज्ञ डॉ. नन्दलाल यादव के निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर स्कूल आफ नर्सिंग बलरामपुर चिकित्सालय के स्टूडेंट्स एवं व्याख्यातागण ने ध्यान का अभ्यास किया। वहीं डॉ. नन्दलाल ने बताया कि ध्यान भारत के प्राचीन ऋषि मुनियों की अनमोल खोज है ध्यान के नियमित अभ्यास से मानसिक रोग एंजायटी, डिप्रेशन, मेंटल स्ट्रेस एवं अनिद्रा जैसे रोगों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ध्यान के नियमित अभ्यास से मन एकाग्र होता है, पढ़ाई लिखाई में मन लगने लगता है, खेलकूद व विविध कलाओं में कुशलता आती है, समझने की शक्ति, सजकता एवं आत्मविश्वास बढ़ता है। सद्भावना का प्रस्फुटन होने लगता है।

जानें ध्यान लगाने की विधि..

कमर, गर्दन,पीठ एवं रीढ़ सीधी रखते हुए पद्मासन, सिद्धासन, स्वास्तिक आसन अथवा सुख आसन में बैठकर दोनों नेत्र कोमलता से बंद रखें, चेहरे में हल्की मुस्कान के साथ मन को नासिक के द्वार पर लगायें, अपने आप स्वत: आते-जाते सांस की जानकारी करें, सहज, स्वाभाविक सांस, शुद्ध सांस, जब मन भटके तब उसे फिर सांस पर ले आएं,जहां तक हो सके हर आने जाने वाले सांस की जानकारी बनाए रखें। यदि मन कहीं चला जाए तो पुनः उसे सांस पर टिकाएं तथा आती और जाती हुई स्वांस के प्रति पूर्ण जागरूक रहे। ध्यान रहे सांस का एक भी आना और जाना बगैर आपकी जानकारी के न होने पाए, यदि मन कहीं चला जाए तो पुनः सांस पर टिकाएं ध्यान का यह चरण आना पान कहलाता है। उन्होंने बताया कि आना पान का अच्छा अभ्यास हो जाने के पश्चात विपश्यना ध्यान का अभ्यास करना चाहिए। जिसकी खोज भगवान बुद्ध ने की थी। डॉ नन्दलाल ने बताया कि भगवान बुद्ध कहते हैं,जहां सांस छुए वहां, रहो लगाए ध्यान। सांस सांस को जानते, होए सदा कल्याण।सांस देखते देखते मन अविचल हो जाए।अविचल मन निर्मल बने सहज मुक्त हो जाए।।आते जाते सांस पर, पहरा लगे कठोर, मन भटके तो मोड़ लें, पुनः सांस की ओर।आते जाते सांस पर, रहे निरंतर ध्यान।कर्मों के बंधन कटें, होए परम कल्याण।सांस देखते देखते, सत्य प्रगटता जाए। सत्य देखते-देखते परम सत्य दिख जाए।ध्यान, स्त्री-पुरुष, छात्र- छात्राएं सर्विसमैन, व्यापारी तथा सेवानिवृत्ति व्यक्तियों सभी के लिए कल्याणकारी है नियमित सुबह-शाम 10 मिनट से 30 मिनट का यह अभ्यास लोक कल्याणकारी है। ध्यान के सत्र में नर्सिंग स्कूल की छात्राओं के साथ, दिव्या श्रीवास्तव, साधना सिंह एवं स्वास्थ्य कर्मी जनार्दन यादव उपस्थित रहे।

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