आरएमएल में पोषण पुनर्वास केंद्र का शुभारम्भ
प्रो. सीएम सिंह,डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. पिंकी जोवेल रही मौजूद

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। कुपोषित बच्चों के नया पोषण पूनर्वास केन्द्र की शुरुआत की गयी। मंगलवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा आरपीजी मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, शहीद पथ परिसर में अत्याधुनिक पोषण पुनर्वास केंद्र का शुभारंभ किया गया।
यह केंद्र उत्तर प्रदेश में कुपोषण से निपटने और बाल स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वहीं एनआरसी की प्रभारी डॉ. शीतांशु श्रीवास्तव द्वारा केंद्र का अवलोकन के लिए भ्रमण कराया गया। इस केंद्र में विशेषीकृत क्लिनिकल वार्ड, उपचारात्मक रसोईघर, परामर्श कक्ष, एवं बाल मैत्रीपूर्ण खेल क्षेत्र शामिल किया गया हैं।
एनआरसी की नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. शीतांशु श्रीवास्तव ने केंद्र की दृष्टि को रेखांकित करते हुए कहा “यह केंद्र केवल उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कुपोषित बच्चों के जीवन की दिशा बदलने के लिए एक सशक्त माध्यम बनेगा, जो साक्षर देखभाल, परिवार शिक्षण, एवं अग्रिम पंक्ति के अनुसंधान के माध्यम से साकार होगा।
डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए एनआरसी की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर डॉ. अमित मेहरोत्रा, पारिवारिक कल्याण निदेशालय की महानिदेशक डॉ. सुषमा सिंह, एवं अन्य अतिथियों ने अपने संबोधन में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण उन्मूलन के लिए बहु-क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस अवसर पर
संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने एनआरसी को सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति संस्थागत प्रतिबद्धता एवं चिकित्सकीय उत्कृष्टता का आदर्श बताया। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने मुख्य वक्ता के रूप में इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह केंद्र विशेष रूप से 6 माह से कम आयु के शिशुओं के लिए लंबे समय से चली आ रही देखभाल की खामियों को दूर करेगा।
यह केंद्र एक “सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस ” के रूप में कार्य करेगा। जहाँ शिशु कुपोषण प्रबंधन के लिए अनुसंधान व प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम में डॉ. शारदा चौधरी अपर निदेशक, पारिवारिक कल्याण), डॉ. गौरव ( आरबीएसएसके प्रभारी), डॉ. रबी पार्ही (पोषण अधिकारी, यूनिसेफ) तथा डॉ. श्रीकेश सिंह (एमएस, मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल) की गरिमामयी उपस्थिति रही।
एनआरसी अब कुपोषित बच्चों की पहचान उपचार एवं पुनःपालन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करेगा। साथ ही यह पोषण प्रबंधन के लिए अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का एक अग्रणी मंच भी बनेगा।