नैदानिक प्रक्रिया में दस्तानों की बजाय हाथ धोने को दें प्राथमिकता – प्रो. धीमन
एसजीपीजीआई में स्थापना दिवस और विश्व हाथ स्वच्छता दिवस एक साथ मनाया

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। विश्व हाथ स्वच्छता दिवस और स्थापना दिवस एक साथ मनाया गया। सोमवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा विश्व हाथ स्वच्छता दिवस और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की 37 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में “हैंड हाइजीन और हेल्थकेयर-एसोसिएटेड इन्फेक्शन की रोकथाम में ऑटोमेटेड सिंड्रोमिक पैनल का उपयोग” विषय पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
वहीं समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान पद्मश्री प्रो. आरके धीमान मौजूद रहे। साथ ही प्रो. शालीन कुमार डीन, प्रो. प्रशांत अग्रवाल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, प्रो. रुंगमेई एसके मारक विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी,प्रो. सुमित राय विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, एम्स मंगळगिरि, डॉ. अमरेश कुमार सिंह विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर और डॉ. विनीता खरे विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, एरा मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल अतिथि व वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में”हैंड हाइजीन और ऑटोमेटेड सिंड्रोमिक पैनल द्वारा एचएआई की रोकथाम” विषय पर आयोजित किया गया। जिसमें इस वर्ष की थीम “चाहे दस्ताने हों, हाथों की स्वच्छता जरूरी है” को प्रमुखता दी गई।
पद्मश्री प्रो. आरके धीमान ने सभा को संबोधित करते हुए हाथ स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि किसी भी नैदानिक प्रक्रिया के दौरान दस्तानों की बजाय हाथ धोने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रो. शालीन कुमार ने छात्रों को विभिन्न नैदानिक अभ्यासों में हाथ स्वच्छता के महत्व और इससे एचएआई दर में कमी लाने के तरीकों के बारे में अवगत कराया।
प्रो. रुंगमेई एसके मारक ने छात्रों को “हैंड हाइजीन के 5 क्षण” को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और नर्सिंग छात्रों द्वारा प्रस्तुत पोस्टर प्रतियोगिता की रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हाथों की स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
प्रो. प्रशांत अग्रवाल ने हाथ धोने की विधि और उसमें प्रयुक्त पदार्थों के नियमित व अनुकूलित उपयोग पर जोर दिया और बताया कि इससे केवल मरीजों या उनके परिचारकों में ही नहीं, बल्कि चिकित्सकों में भी संक्रमण की दर कम की जा सकती है।
प्रो. सुमित राय ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए एमआईसी आधारित उपचार के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. विनीता खरे ने हाथ स्वच्छता के अभ्यास और इसके लिए उपलब्ध सर्वोत्तम साधनों के बारे में जानकारी दी।डॉ. अमरेश कुमार सिंह ने शल्य चिकित्सा में हाथ धोने की प्रक्रिया की केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला। वहीं
पोस्टर प्रतियोगिता और स्किट प्रतियोगिता में 50 से अधिक नर्सिंग छात्र, एमएससी. प्रशिक्षु, पीएचडी और एमडी छात्र शामिल रहे। डॉ. चिन्मय साहू और डॉ. अतुल गर्ग ने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे सामुदायिक स्तर पर भी हाथ स्वच्छता के महत्व को प्रसारित करने के लिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर एलुमनाई मीट डिनर में पूर्व रेजिडेंट्स, जो अब प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च पदों पर कार्यरत हुए उपस्थित रहे।
एलुमनाई मीट में प्रो. केएन प्रसाद विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल मुख्य अतिथि और प्रो. ज्योत्सना अग्रवाल विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, डॉ. आरएमएलआईएमएस विशिष्ट अतिथि शामिल रही।
कार्यक्रम का समापन संकल्प लेते हुए हाथ स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक रहेंगे और यह समझेंगे कि यह अस्पताल या समुदाय में होने वाले संक्रमणों को रोकने का सबसे सस्ता और प्रभावशाली तरीका माना गया।