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एसजीपीजीआई के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग का मना स्थापना दिवस

देश विदेश के स्वास्थ्य विशेषज्ञ समारोह में हुए शामिल, दिए सुझाव

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में देश दुनिया के डॉक्टरों ने संक्रमण के बारे में चर्चा की। रविवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने 22 और 23 मार्च को संस्थान के लेक्चर थिएटर कॉम्प्लेक्स में विभाग के 17वें स्थापना दिवस समारोह के साथ-साथ तीसरे एसजीपीजीआई पीडियाट्रिक गैस्ट्रो क्लीनिक 2025 का आयोजन किया गया।समारोह में देश विदेशों में बांग्लादेश,नेपाल से लगभग 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें टाइफाइड, डेंगू आदि संक्रमणों के कारण होने वाले हेपेटाइटिस, एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस का प्रबंधन, पेट दर्द विकारों का प्रबंधन, कब्ज, सीलिएक रोग में नैदानिक दृष्टिकोण (आईबीडी), प्रोग्रेसिव फैमिलियल इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस (पीएफआईसी), छोटी आंत से रक्तस्राव का प्रबंधन और कई अन्य विषयों पर चर्चा की गई। वहीं मुख्य अतिथि डॉ. वीएस शंकरनारायणन, प्रोफेसर, इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, चेन्नई ने ‘भारत में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के बीज बोने से लेकर इसके फल प्राप्त करने तक की मेरी यात्रा’ विषय पर एक प्रेरक स्थापना दिवस भाषण दिया। साथ ही संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमन ने कार्यक्रम में सहभागिता की और प्रेरक भाषण दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित रॉयल चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल (आरसीएच) में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की प्रोफेसर और आंत्र प्रत्यारोपण की प्रमुख डॉ. विनीता हार्डिकर ने प्रोग्रेसिव फैमिलियल इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस (पीएफआईसी) और इसके परिणामों और प्रबंधन पहलुओं और तौर-तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इसके तत्पश्चात पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. विजयलक्ष्मी भाटिया ने ‘छोटे कद के प्रति दृष्टिकोण’ के बारे में व्याख्यान दिया। जो पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञों के लिए प्रासंगिक माना जा रहा है।

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