उत्तर प्रदेशजीवनशैली

एचआईवी एड्स रोकथाम पर विशेषज्ञों ने किया मंथन 

अंतिम छोर तक पहुंच बनाना हमारी प्राथमिकता- अमृता सोनी 

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। एचआईवी एड्स की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने विशेष मंथन किया। गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल समापन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अधिकारियों, पीयर एजुकेटर्स और नीति-निर्माताओं के साथ एचआईवी,एड्स रोकथाम को और प्रभावी बनाने पर गहन चर्चा करना था। कार्यशाला में देश भर के प्रदेशों के प्रतिभागी जुड़े। वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की उपमहानिदेशक शोभिनी राजन ने कहा कि एड्स रोकथाम से जुड़ी सभी सेवाओं को जरूरतमंद लोगों तक आसानी से पहुंचाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला ने जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे लोगों के अनुभवों को समझने और उनकी चुनौतियों को जानने का मौका दिया है। जिससे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के छठे चरण की नीतियों और योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। समापन सत्र में यूपीसैक्स की परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने कहा कि एचआईवी,एड्स रोकथाम में अंतिम छोर तक पहुंच बनाना हमारी प्राथमिकता है। इस कार्यशाला ने विभिन्न राज्यों से आएं प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए सुझावों को आगामी एचआईवी रोकथाम शिखर सम्मेलन में शामिल किया जाएगा। नाको से डॉ. शांतनु कुमार ने बताया कि नए संक्रमण को रोकने के लिए देश में 450 संपूर्ण सुरक्षा क्लीनिक संचालित हैं। अब हम संपूर्ण सुरक्षा रणनीति को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के छठे चरण में पूरे देश में विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वर्तमान में, 20,हज़ार कार्यकर्ता समुदाय स्तर पर कार्यरत हैं, और 1,600 पीयर एजुकेटर्स देशभर में सक्रिय हैं। इनकी मदद से हम 10.5 लाख सेक्स वर्कर्स और 95,हज़ार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों तक पहुँच चुके हैं। इसके अलावा एचआईवी से संक्रमित पाए गए 89 प्रतिशत लोगों को एआरटी केंद्रों से जोड़ा गया है। जिससे उन्हें आवश्यक उपचार और देखभाल मिल रही है। कार्यशाला में रवीन्द्र कुमार, परियोजना निदेशक, यूपीसैक्स ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए एचआईवी रोकथाम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमण की दर को कम करना इससे जुड़ी मृत्यु दर को घटाना और प्रभावित समुदाय को होने वाली चुनौतियों को दूर करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि हमें एचआईवी/एड्स जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक और स्वास्थ्य मुद्दे पर राष्ट्रीय कार्यशाला की मेजबानी करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी विश्वविद्यालय ऐसे मुद्दों पर काम करता रहेगा ताकि बच्चें में ज्यादा से ज्यादा इन बीमारियों को लेकर समझ बन सकें। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने समूह गतिविधियों के माध्यम से अपने क्षेत्रों के अनुभव साझा किए और व्यवहार परिवर्तन संचार एवं समुदाय आधारित पहल पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस. मौके पर यूपीसैक्स के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव, नाको के अधिकारी डॉ. साईंप्रसाद भावसार और डॉ. शांतनु कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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