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हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर से हो सकता ग्रसित 

पीजीआई संस्थान निदेशक ने विश्व लिवर दिवस पर कार्यशाला का किया शुभारम्भ

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। विश्व लिवर दिवस पर डॉक्टरों ने जानकारी साझा की। देश में फैटी लिवर रोगों के बढ़ते बोझ का कारण है। हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर से ग्रस्त हो सकता है। शनिवार को एसजीपीजीआई के हैपेटोलॉजी विभाग द्वारा लोगों में लिवर रोगों की बढ़ती समस्या,कारण, रोकथाम तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशाला की गयी।

जिसमें संस्थान निदेशक हेपेटोलॉजी के प्रोफेसर डाक्टर आरके धीमन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. देवेंद्र गुप्ता एवं हेपेटोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो.अमित गोयल द्वारा उद्घाटन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न मेडिकल कॉलेज के 100 से अधिक मेडिकल छात्र और युवा चिकित्सकों ने भाग लिया। वहीं डॉ धीमन ने कहा कि लिवर की बीमारियां आमतौर पर शराब, वायरल हेपेटाइटिस और फैटी लिवर के कारण होती हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में हमारी जीवन शैली और आहार संबंधी गलत आदतों के कारण फैटी लिवर की बीमारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में लगभग 40 फीसदी लोग मोटे या अधिक वजन वाले हैं। मधुमेह और मोटापा फैटी लिवर रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं। हमारा देश मोटापे और मधुमेह की वैश्विक राजधानी है। भविष्य में हम फैटी लिवर रोग की वैश्विक राजधानी बन सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से फैटी लिवर रोगों का शीघ्र पता लगाने पर जोर दिया ताकि सिरोसिस और लिवर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके। साथ ही

प्रो. देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि मोटे लोगों को किसी भी सर्जरी के दौरान काफी परेशानी और जटिलताएं होती हैं। कार्यशाला में एसजीपीजीआई, केजीएमयू और मेदांता अस्पताल के कई वक्ताओं ने भी भाग लिया। सभी ने मोटापे के बोझ, फैटी लिवर की बीमारी, जटिलता और उपचार के बारे में बात की। निष्कर्ष निकाला गया कि फैटी लिवर के मुख्य कारण निष्क्रिय जीवन शैली, जंक फूड खाना और लोगों में व्यायाम और खेल गतिविधियों की कमी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि वजन कम करना और व्यायाम करना फैटी लिवर की बीमारी का सबसे प्रभावी इलाज है। शरीर के वजन का 5 फीसदी वजन कम करने से फैटी लिवर को ठीक किया जा सकता है और अगर हम अपना 10 फीसदी वजन कम कर सकें तो लिवर की चोट और लिवर फाइब्रोसिस को भी ठीक किया जा सकता है। इन रोगियों को अधिक नियमित आहार लेने की जरूरत है। जिसमें सब्जियां, फल और शाकाहारी आहार का अच्छा मिश्रण होना चाहिए।

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