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संस्कृत में उभरती प्रतिभाओं को मिला सम्मान

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का अभिनव प्रयास

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। संस्कृत भाषा में उभरती प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। रविवार को

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संस्कृत प्रतिभा खोज सम्मान समारोह का भव्य समापन हुआ। दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ प्रारम्भ हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों का वाचिक स्वागत किया गया।

संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत प्रतिभा खोज योजना उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की एक महत्वाकांक्षी पहल है। जिसे वर्ष 2023 में आरम्भ किया गया था। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न बोर्डों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी प्रतिभाग करते हैं।

यह प्रतियोगिता जनपद, मण्डल और राज्य स्तर पर आयोजित होती है तथा इसमें 10 प्रकार की प्रतियोगिताएँ सम्मिलित रहती हैं। इस वर्ष की प्रतियोगिताओं में छात्रों के साथ अभिभावक, अध्यापक एवं विद्यालयों के संयोजकों सहित कुल 8 हजार से अधिक लोगों की सहभागिता हुई।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों की छुपी हुई प्रतिभा को पहचानना, उन्हें प्रोत्साहित करना और संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाना है।

राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के अंतर्गत 06 एवं 07 सितम्बर को पाँच प्रमुख प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। संस्कृत गीत, संस्कृत सामान्य ज्ञान (बाल वर्ग), श्रुतलेखन, संस्कृत भाषण तथा संस्कृत सामान्य ज्ञान (युवा वर्ग)। विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

संस्कृत गीत प्रतियोगिता* में अकांक्षा द्विवेदी ने प्रथम, मान्या वर्मा ने द्वितीय एवं अंकिता दुबे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

संस्कृत सामान्य ज्ञान (बाल वर्ग) में एकता प्रथम, लक्ष्मी देवी द्वितीय एवं भव्या गुर्जर तृतीय स्थान पर रहीं। श्रुतलेखन प्रतियोगिता में शिखर शुक्ला प्रथम, ध्रुव द्वितीय एवं अमन शुक्ला तृतीय स्थान पर रहे।

संस्कृत भाषण प्रतियोगिता में ओजस्वी गुप्ता ने प्रथम, काशी ने द्वितीय तथा मित्रा राय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संस्कृत सामान्य ज्ञान (युवा वर्ग) में अपूर्व मिश्रा ने प्रथम, विनय आर्य ने द्वितीय एवं कशिश वार्ष्णेय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

विजेताओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

योगी सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे संस्कृत संवर्धन कार्यों के परिणामस्वरूप आज प्रदेश में संस्कृत प्रतिभाओं को न केवल प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि उन्हें अपनी योग्यता प्रदर्शित करने का उचित मंच भी प्राप्त हो रहा है। संस्कृत प्रतिभा खोज योजना ने प्रदेश में संस्कृत भाषा के पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त किया है।

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