27 को श्रीराम कृष्ण मठ में दुर्गा पूजा महोत्सव का होगा आयोजन
वैदिक मन्त्रोंच्चारण के साथ आदि शक्ति का होगा आवाहन

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी के निराला नगर स्थित रामकृष्ण मठ में दुर्गा पूजा की तैयारियां पूरी हो गयी है।
गुरुवार को रामकृष्ण मठ अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि 27 सितंबर से 2अक्टूबर तक दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसे रघुनंदन स्मृति शास्त्र के अनुसार मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समस्त कार्यक्रम हमारे आधिकारिक यूट्यूब चैनेल ‘रामकृष्ण मठ, लखनऊ’ के माध्यम से सीधा प्रसारित भी किया जायेगा। स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने बताया कि विगत वर्षों की भाँति भक्तों एवं श्रद्धालुओं के लिए रघुनंदन स्मृति के अनुसार रामकृष्ण मठ की पवित्र परंपराओं के अनुसार उत्सव को उचित तरीके से मनाने एवं सुगम और सुरक्षित दर्शन के लिए इस वर्ष भी काफी वृहद व्यवस्था की गयी है।
उन्होंने कहा कि दुर्गोत्सव में सभी पूजा दिवसों पर पुष्पांजलि अर्पित करने सहित सभी कार्यक्रमों को इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित करने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही 29 सितम्बर, 30 सितम्बर एवं 01 अक्टूबर को उपस्थित रहने वाले सभी श्रद्धालुओं एवं दर्शको के लिए भंण्डारे की भी व्यवस्था रहेगी।
दुर्गा पूजा महोत्सव की रुपरेखा..
सार्विक पूजा में मुख्य आर्कषण देवी दूर्गा की स्तुति है, जिसमे देवी की आठों रूपों का भिन्न भिन्न तरह से स्तुति की जायेगी, जैसें, घटा, नवपत्रिका, मृण्मयी प्रतिमा, शास्त्र ग्रन्थ (चण्ड़ी, सप्तशती), पाँच वर्ष की कुमारी, अग्नि (हवन) एवं विराट (रूप से वर्तमान जनता जनार्दन)।
ऊपर दिए गये देवी दुर्गा के आठों रूपों का पारम्परिक पूजन प्रशिक्षित पुरोहितों के समूह द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे कि पूजा में मुख्य संचालक (तंत्र धारक) स्वामी सत्यविदानन्द महाराज होंगे जो कि रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, मायलापुर, चेन्नई से आए है।वही रामकृष्ण मठ, सिकरा-कुलिंग्रम, पश्चिम बंगाल के ब्रह्मचारी हिमाद्रि पूजा करेंगे तथा रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, वृन्दावन के स्वामी प्रतिभानन्द महाराज धार्मिक पुस्तक से चण्ड़ी पाठ करेंगें।
जिसमें विशेषत पाच तत्वो पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व आकाश से मिल के बना है। इसलिए प्रतिकात्मक रूप से उनकी आठों रूपों का भिन्न भिन्न तरह से स्तुति की जायेगी।
पूजन विधान..
नव पत्रिका 27 सितम्बर को सर्व प्रथम देवी का आवाहन,नौ प्रकार के पौधों में केला, काला घुईयॉ, हल्दी, जयन्ती, मन घुईयॉ, अशोक, धान, अनार एवं बेल शामिल है।
साथ 28 सितम्बर को सुबह 7ः15 बजे मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज द्वारा दुर्गा पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक विशेष सतप्रसंग करेंगे। दुर्गा पूजा के दौरान प्रतिदिन प्रातः सभी उपस्थित भक्तों द्वारा पुष्पांजलि अर्पण की जाएगी। कुमारी पूजा 30 सितम्बर, दिन मंगलवार को प्रातः 9ः30 बजे से होगा।
इसमे 5 वर्षीय एक कन्या के रूप में माँ दुर्गा की स्तुति की जाएगी। इससे यह प्रदर्शित होता है कि सभी नारियों में माँ दुर्गा विराजमान है और ऐसा प्रयास किया जाता है कि इसे पूरे नारी समाज को आदर एवं सम्मान मिल सकें। संधि पूजा इस पाँच दिवसीय पूजा महोत्सव का चरम आकर्षण सन्धि पूजा है।
जिसका समय सायं 5ः43 से सायं 6:31 बजे तक दिन मंगलवार, 30 सितम्बर को है। इस 48 मिनट की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान, संपूर्ण दुर्गा पूजा से सम्बन्धित सभी आवश्यक वस्तुओं को लघु रूप में बड़ी सटीकता और तीव्र गति के साथ ब्रहमस्वरुपिणी माँ दुर्गा के सम्मुख सूक्ष्म रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
पूजा महोत्सव के दौरान पार्श्व संगीत एवं मंत्र उच्चारण इत्यादि की व्यवस्था रहेगी। इसके अतिरिक्त कोलकाता के असीम कुमार दत्त द्वारा मधुर भजन की प्रस्तुति दी जायेगी। इसके अलावा विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम जाने माने कलाकारों द्वारा प्रतिदिन रात्रि 8ः30 बजे से प्रदर्शित किया जायेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में..
29.09.2025, सोमवार, बांसुरी वादन-पंडित रविराज शंकर व उदित राज शंकर, लखनऊ तबला – पंडित अरूण भट्ट, लखनऊ 30 सितम्बर मंगलवार, सरोद वादन- द्वीप्तनील भट्टाचार्य, कोलकाता तबला, सुमित कुमार मलिक, लखनऊ
1 अक्टूबर बुधवार,,वायलिन वादन-पंडित अशोक गोस्वामी व संजरी साहू, लखनऊ
तबला डॉ. हर्षित मिश्रा, लखनऊ हैं। पूजा में आने वाले भक्तों एवं दर्शकों को इस पूजा महोत्सव में विभिन्न प्रकार के निःशुल्क पाण्डालों की व्यवस्था में निःशुल्क जूता घर, प्राथमिक उपचार आदि की व्यस्था प्रवेश द्वार पर की गयी है।
वही मठ के दूसरी तरफ निकास द्वार पर मुफ्त पेयजन का प्रबन्ध किया है तथा मठ परिसर में आईसक्रीम, चाय एवं काफी, भेलपुरी, लस्सी, नारियल पानी, फास्ट फूड, स्वीट कार्न, क्रृतिम आभूषण एवं सजावटी वस्तुए, बंगाली एवं गुजराती साड़ी, बीकानेरी नमकीन, हस्तशिल्प की वस्तुएं एवं एक्यूप्रेसर उत्पाद आदि के स्टॉल लगाये गये है।
इसके अतिरिक्त एक बडा स्टाल लगाया है जहाँ रामकृष्ण विवेकानन्द वेदान्त साहित्य व धार्मिक पुस्तकों का स्टाल लगाया गया है। इसके अलावा रामकृष्ण मठ घरेलू पौधे व हर्बल उत्पादो के स्टाल की भी व्यवस्था की गयी है ताकि अतिथियों के मस्तिष्क के अन्दर सकारात्मक सोच के साथ घरेलू हरित पर्यावरण का प्रभाव पड़ सके।
साथ ही साथ कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु पाण्डाल परिसर मे क्लोज सर्कीट टीवी एवं कैमरा की व्यवस्था की गयी है ताकि कड़ी निगरानी रखी जा सकें। इसके साथ ही पूजा में आने वाले अतिथियों के लिए निःशुल्क पार्किंग सुविधा उपलब्ध है।