उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबरराष्ट्रीय

लेजर विधि से एंजियोप्लास्टिक करने वाला प्रदेश का बना पहला संस्थान

 आरएमएल ने चार मरीजों की,लेजर तकनीक से कोरोनरी एंजियोप्लास्टी

 

लखनऊ भारत प्रकाश न्यूज़। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने चार मरीजों की लेजर विधि से कोरोनरी एंजियोप्लास्टी कर प्रदेश का पहला संस्थान बन गया। गुरुवार को संस्थान कार्डियोलॉजी विभाग में चार मरीजों की लेजर तकनीक से कोरोनरी एंजियोप्लास्टी कर उत्तर भारत का पहला सरकारी संस्थान बन कर उभरा है।

जहां डॉक्टरों नई तकनीक का प्रयोग करते हुए लेज़र से एंजियोप्लास्टी की। लेज़र से एंजियोप्लास्टी से मरीजों के लंबे समय से बंद (100 फीसदी ब्लॉक ) नसों को खोला गया। दो मरीज ऐसे थे। जिनके पुराने लगे स्टंट सिकुड़ गए थेऔर उनमें कैल्सियम जम गया था।

इन मरीजों में लेज़र से पहले पुराने स्टंट को साफ किया गया फिर दोबारा एंजियोप्लास्टी की गई। लेज़र से एंजियोप्लास्टी की सुविधा भारत के कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही उपलब्ध है। डॉक्टरों का कहना है कि

लेज़र तकनीक उन मरीजों के लिए वरदान है,जहां अन्य एंजियोप्लास्टी तकनीक विफल हो जाती है व मरीज को बाईपास के लिए भेजा जाता है।

लेज़र नसों में जमें कोलेस्ट्रॉल को हार्ट अटैक के मरीजों में नसों में बने खून के थक्कों को गला देती है व खून का प्रवाह ठीक करती है। लेज़र से एंजियोप्लास्टी एक जटिल एंजियोप्लास्टी है।

जानें एंजियोप्लास्टी कराने का खर्च..

लेज़र से एंजियोप्लास्टी में एक सामान्य एंजियोप्लास्टी से एक लाख रुपए का अतिरिक्त खर्च आता है। वहीं

लेज़र एंजियोप्लास्टी करने वाली टीम में प्रोफेसर सुदर्शन कुमार विजय, प्रोफेसर अमरेश सिंह,

डॉ. अभिजीत, डॉ शिखर, डॉ.सैयद अकरम, व पैरामेडिकल स्टाफ में प्रियरंजन,कर्णिका व नर्सिंग स्टाफ शैलजा एवं अजय शामिल रहे। यह लेज़र एंजियोप्लास्टी चेन्नई से लायी गयी

लेज़र मशीन की सहायता से और केरल के तकनीकी विशेषज्ञ की सहयोग से सफलता हासिल की गई।

अभी संस्थान में एंजियोप्लास्टी की सुविधा पोर्टेबल लेज़र मशीन से उपलब्ध है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button