पर्यावरण को प्राकृतिक क्षति होने से बचाएं – डॉ सक्सेना
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मना 55 वां विश्व पृथ्वी दिवस

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। पर्यावरण को बचाने के लिए सभी की भागीदारी जरुरी है। मंगलवार को विश्व पृथ्वी दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पर्यावरण संरक्षित करने के लिए जन जागरूकता का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री डा.अरूण कुमार सक्सेना ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी हमारी मॉ है।
पृथ्वी और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों की क्षति को कम किया जाये एवं पेड़ों की कटान पर रोक लगाया जाये। प्रदूषण ना करना, प्लास्टिक का कम इस्तेमान करना और पृथ्वी को खुशहाल बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस साल पृथ्वी दिवस की थीम ‘आवर पावर,आवर प्लानेट’ है। आज बढ़ते तापमान को देखते हुए हमें रिन्यूबल एनर्जी को लगभग तीन गुना बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि पृथ्वी का संतुलन बिगड़ना सभी के लिए एक बड़ी समस्या है। हर किसी को पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने चाहिए। पर्यावरण को बेहतर बनाने व पेड़ लगाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज 55वें पृथ्वी दिवस की थीम थी हमारी शक्ति, हमारा ग्रह ये थीम हमारे अंदर चेतना जगाती है।वहीं
कार्यशाला में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने रिन्व्यूबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति का दिया हुआ संसाधन पानी और हवा फ्री ऑफ कास्ट हमारे पास उपलब्ध है। वर्तमान समय में वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण सभी गम्भीर समस्या है। इसके समाधान के लिए रिन्यूवेल एनर्जी पर फोकस करना होगा।
कार्यशाला के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये गये। पर्यावरण निदेशालय के सहायक निदेशक मो. राहिब ने ग्रीन एनर्जी पर तथा कंसल्टेण्ट पंकज आर्य ने मिशन लाईफ पर प्रस्तुतीकरण किया। साथ ही बी. प्रभाकर, वन विभाग द्वारा कार्बन पर, यूपी नेडा के गिरीश कुमार ने रिन्व्यूबल एनर्जी पर तथा गिरीश आर्या, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपशिष्ट प्रबंधन पर प्रस्तुतीकरण किया।
इस मौके पर अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा घनश्याम सिंह, निदेशक,विशेष सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा चन्द्र भूषण, सीईओ, आई फॉरेस्ट उपस्थित रहे।