विदेशों से भारत में आकर मरीज करा रहे क्षार सूत्र उपचार – डॉ. पी रमेश भट्ट
आयुर्वेद अस्पताल में क्षार सूत्र चिकित्सा पर व्याख्यान

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में डॉक्टरों ने आयुर्वेद क्षार सूत्र चिकित्सा उपचार की विशेषता बताई। मंगलवार को
राजकीय आयुर्वेद कालेज, टुडियागंज में शल्य चिकित्सा विभाग की तरफ से शल्य चिकित्सा व्याख्यान आयोजित किया गया।
वहीं प्राचार्य प्रो. दिनेश कुमार मौर्य एवं शल्य तंत्र विभाग के प्रो सुधा सिंह, डा राजेश यादव ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।
जिसमें प्रथम व्याख्यान बेंगलुरू से आयुर्वेद शल्य चिकित्सक डा पी रमेश भट्ट ने बताया कि गुदा द्वार में होने वाली बीमारियों जैसे फिशर, पाइल्स, फिस्टुला, भगंदर आदि में आयुर्वेद की क्षार कर्म, क्षार सूत्र से बहुत अधिक लाभ मरीजों को प्राप्त होता है।
उन्होंने बताया कि विदेशों से भी बहुत से मरीज भारत में आकर क्षारसूत्र द्वारा चिकित्सा करा रहे हैं। उन्हें इजराइल और अमेरिका सरकार द्वारा शल्य चिकित्सा के लिए सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही
केजीएमयू से डा अजय कुमार पटवा ने बताया कि बवासीर की स्थिति में पौधों द्वारा प्राप्त फ्लेवोनॉयड्स का प्रयोग करने पर रोगियों में अच्छा परिणाम मिलता है।
एसजीपीजीआई के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग से डा ज्ञानचंद ने बताया कि लगभग 9 प्रतिशत मधुमेह रोगियों में पैर में घाव बनता है और जल्दी ठीक नहीं होता है। ऐसे में आंवला,हल्दी, आदि से बनी पट्टी से घाव जल्दी भरता है।
वहीं मंच संचालन डा शची श्रीवास्तव ने किया। इसी क्रम में डा धर्मेंद्र ने बताया कि अस्पताल में क्षार सूत्र की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।
प्राचार्य प्रो. दिनेश कुमार मौर्य ने कहा कि अतिथि व्याख्यान से छात्रों को बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ है। इससे आयुर्वेद में शोध कार्य करने को प्रेरणा मिलेगी।



