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सिगरेट पीना सिखाने के मामले में डॉक्टर हुए सस्पेंड

ड्यूटी से नदारद रेडियोलॉजिस्ट भी निलंबित

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यों के प्रति शिथिलता बरतने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की गयी। जिसमें पांच वर्ष के बच्चे को सिगरेट पीना सिखाने वाले चिकित्सक एवं तबादले के बाद ड्यूटी ज्वाइन न करने पर एक रेडियोलॉजिस्ट को सस्पेंड कर दिया गया है। मंगलवार को यह जानकारी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दी है।

उन्होंने बताया कि जनपद जालौन की पीएचसी कुठौंद्र में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र द्वारा पांच वर्षीय बच्चे को सिगरेट पीना, अपशब्द बोलना एवं अभद्रता कराने सिखाने संबंधित वीडियो इस वर्ष सात अप्रैल को वायरल हुआ था। जिसमें सीएमओ की जांच में चिकित्सक दोषी पाए गए हैं। इस लिए चिकित्सक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, झांसी मंडल से सम्बद्ध करते हुए आरोप पत्र देकर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव को दिए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार लखनऊ स्थित राम सागर मिश्र 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय (साढ़ामऊ, बख्शी का तालाब) में तैनात रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विजय कुमार वर्मा का पिछले वर्ष 14 दिसंबर को सोनभद्र तबादला किया गया था। डॉ. वर्मा ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया और अनुपस्थित हो गए।

उच्चादेशों की अवहेलना करने एवं अनुशासनहीनता कर पर डॉ. वर्मा को तत्काल निलंबित कर मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मिर्जापुर मंडल से संबद्ध कर दिया गया है।

वहीं राजधानी स्थित वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में कतिपय अव्यवस्थाओं एवं प्राइवेट एम्बुलेंसेज के साथ अस्पताल प्रशासन की सांठगंठ की लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को आकस्मिक निरीक्षण कर एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि समाचार पत्र में प्रकाशित जिला अस्पताल (स्वशासी मेडिकल कॉलेज) फतेहपुर में बाहरी व्यक्तियों का दखल, मरीजों का आर्थिक शोषण विषयक समाचार का संज्ञान लेते हुए समस्त बिंदुओं की जांच करा कर प्रधानाचार्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक तथा अन्य संलिप्त कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को दिए गए हैं।

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