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डॉक्टरों ने छद्म पूंछ वाले बालक का किया सफल ऑपरेशन

बलरामपुर अस्पताल निदेशक ने सर्जरी टीम को दी बधाई

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में डॉक्टरों की टीम ने दुर्लभ जन्मजात छद्म पूंछ वाले बालक का ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की है।

बुधवार को बलरामपुर चिकित्सालय में एक दुर्लभ एवं जटिल जन्मजात विकृति वाले बच्चे की सफल शल्य चिकित्सा की गई।

बच्चे में जन्म से ही पीठ के निचले हिस्से में स्पाइना बिफिडा ऑक्ल्टा के कारण विकसित छद्म पूंछ मौजूद था, जो बाहरी रूप से पूंछ के रूप में दिखाई देता था और किसी भी प्रकार के खिंचाव या हलचल होने पर दर्द महसूस होता था।

लखीमपुर खीरी के टिक्का ग्राम रवा चौराहा निवासी बच्चे के पिता सुशील कुमार और माता आरती देवी का कहना था कि बच्चे की दिक्कत को देखते हुए आसपास के किसी भी अस्पताल ने इस जटिल जन्मजात स्थिति के ऑपरेशन को करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

जिससे परिवार निराशा जनक महसूस कर रहे थे। बीते शुक्रवार जब परिजनों ने बलरामपुर चिकित्सालय की ओपीडी पहुंचे, जहाँ वरिष्ठ बाल शल्य चिकित्सक डॉ. अखिलेश कुमार ने इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। डॉ अखिलेश कुमार पीडियाट्रिक सर्जन ने बताया कि

ऑपरेशन से पूर्व बच्चे की सभी आवश्यक जांचें की गईं। जिसमें एमआरआई,एक्स-रे,

अल्ट्रासाउंड,तथा संबंधित रक्त परीक्षण किया गया।

सभी रिपोर्ट सामान्य मिलने पर ऑपरेशन की तैयारी की गई। जिसे बीते 14 नवंबर को चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर में बच्चे की शल्य चिकित्सा की गई। ऑपरेशन के दौरान छद्म पूंछ को सावधानीपूर्ण ढंग से हटाया गया, जो रीढ़ की हड्डियों (वर्टिब्रा) के बीच स्पाइनल कॉर्ड की झिल्लियों से घनी रूप से जुड़ा हुआ था।

शल्य चिकित्सा पूर्णतया सफल रही। बच्चा पीडियाट्रिक वार्ड 3 में स्वस्थ है। उसके दोनों पैर सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं, मूत्र एवं मल नियंत्रण सामान्य है तथा वह दूध एवं नरम आहार ले रहा है।

बच्चे के परिवारजन अत्यंत प्रसन्न हैं और चिकित्सा टीम के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। वहीं ऑपरेशन टीम डॉ. अखिलेश कुमार, वरिष्ठ बाल शल्य चिकित्सक,एनेस्थीसिया टीम

डॉ. एसए मिर्ज़ा,डॉ. एमपी सिंह,नर्सिंग एवं सहायक स्टाफ,निर्मला मिश्रा,अंजना सिंह

डॉ. मनीष वर्मा (इंटरन),राजू (वार्ड बॉय) शामिल रहे। इस सफल सर्जरी के लिए अस्पताल निदेशक डॉ. कविता आर्या ने बताया

चिकित्सालय में उपलब्ध विशेषज्ञता और उन्नत सुविधाएँ हमें ऐसे दुर्लभ जन्मजात मामलों को सफलतापूर्वक संभालने में सक्षम बनाती हैं। यह ऑपरेशन हमारी बाल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और हमारे चिकित्सकों की प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। साथ ही

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण मामला था, जिसे हमारी टीम ने अत्यंत कुशलता के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी परिवार कठिनाई लेकर आए और संतोष लेकर वापस जाए। चिकित्सालय ऐसी जटिल बाल शल्य चिकित्सा में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा।”इसी क्रम में

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा

“हमारी बाल शल्य टीम द्वारा इस जटिल टिश्यू मास को सुरक्षित रूप से हटाया जाना अत्यंत सराहनीय उपलब्धि है। हम बाल स्वास्थ्य सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लगातार उत्कृष्ट परिणाम प्रदान कर रहे हैं।

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