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डॉक्टर ने निमोनिया से बचाव के बताए पांच सूत्र

निमोनिया दिवस पर किया जागरूक

 

 लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। निमोनिया के आंकड़ों को कम करने के लिए जागरुकता जरूरी है। इसलिए हर वर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। मंगलवार को केजीएमयू की रेस्पिरेटरी विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि यह एक आम बीमारी है जिसका बचाव एवं इलाज संभव है, पर यथोचित इलाज नहीं करने पर या भयावह रूप ले सकती है और मौत का कारण भी बन सकती है।

उन्होंने कहा कि भारत में संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु में से लगभग 20 फीसदी निमोनिया की वजह से होती है। इसके अलावा अस्पताल में होने वाले संक्रामक रोगों में यह बीमारी दूसरे पायदान पर है। प्रतिवर्ष निमोनिया लगभग 45 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। जो कि विश्व की जनसंख्या का 7 प्रतिशत है और इसके कारण लगभग 40 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। 19वीं शताब्दी में विलियम ओस्लर द्वारा निमोनिया को मौत का सौदागर कहा गया था।

डॉ सूर्यकान्त ने कहा कि 20वीं शताब्दी में एंटीबायोटिक उपचार और टीकों के कारण मृत्युदर में कमी आयी है और विकासशील देशों में बुजुर्गों, बच्चों और जटिल रोगियों में निमोनिया अभी भी मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। वैसे तो यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है, पर कुछ बीमारियां एवं स्थितियां ऐसी है। जिसमें निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है, जैसे धूम्रपान, शराब एवं किसी भी नशा से पीड़ित लोग, डायलिसिस करवाने वाले रोगी, हृदय,फेफड़े,लिवर की बीमारियों के मरीज, मधुमेह, गंभीर गुर्दा रोग, बुढ़ापा या कम उम्र नवजात एवं कैंसर के मरीज तथा एड्स के मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। साथ ही डा. सूर्यकान्त ने निमोनिया से बचाव के लिए 5 सूत्रों को बताया। जिसमें धूम्रपान या कोई भी नशा न करें,यदि व्यक्ति को डायबिटीज या अन्य बीमारी है तो उन्हें नियंत्रित रखें। सर्दी के मौसम में सर्दी से बचाव करें एवं भीड़-भाड़ में जाने पर मास्क का प्रयोग करें।सर्दी के मौसम में मार्निंग वॉक न करें।

प्रतिदिन शाम को भाप ले एवं योग और प्राणायाम करे। इस मौके पर डा. आरएएस कुशवाहा, डा. संतोष कुमार, डा.अजय कुमार वर्मा, डा. आनन्द श्रीवास्तव, डा. दर्शन कुमार बजाज, डा. ज्योति बाजपेई और डा. अंकित कुमार व अन्य रेजीडेंट डाक्टर्स समेत भर्ती मरीजों के तीमारदार, नर्सों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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