उत्तर प्रदेशधर्म-अध्यात्म

बड़ी काली मंदिर में दर्शन करने को कतार में लगे श्रद्धालु

 भक्तों किया दर्शन, लगाया जयकारा

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। विक्रम संवत 2082 चैत्र नवरात्रि को नववर्ष में प्रवेश करने की शुरुआत माँ की उपासना व आराधना से की जाती है। इसकी शुरुआत सम्राट विक्रमादित्य ने की थी। वहीं मंगलवार को नवरात्रि के तृतीय दिवस चौक स्थित मठ बड़ी काली मंदिर में लगभग सवा लाख श्रद्धालुओं ने अब तक माई का श्रृंगार प्रसाद भोग एवं दर्शन लाभ प्राप्त किया है। वहीं महंत स्वामी विवेकानंद गिरी महाराज ने बताया माई का तृतीय स्वरुप चन्द्र घंटा का है, जो और चौथा स्वरूप को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें देवी कुष्मांडा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन की तरह कलश की पूजा करके मां कूष्मांडा का ध्यान करे । साथ ही मीडिया प्रभारी अभय उपाध्याय ने बताया की मंदिर प्रांगण में अभी तक कुल 38 मुंडन संस्कार संपन्न किए और मन्दिर प्रांगण के बाहर मेला प्रबंधन मंदिर समिति द्वारा सुचारू रूप से संचालित की जा रहा है। मंदिर में मुख्य रूप से मुंडन संस्कार हवन श्रृंगार एवं कई अनुष्ठान किए जा रहे हैं। मंदिर व्यवस्था में मुख्य रूप से प्रबंधक देवराज सिंह, मीडिया प्रभारी अभय उपाध्याय, मुकुंद मिश्रा, दीप प्रकाश, धीरू अवस्थी, शशि सूर्यवंशी, राहुल, तुषार, मेघांश एवं अन्य सेवादार उपस्थित रहे।

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