उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबर

तम्बाकू सेवन से शुगर होने की सम्भावना अधिक – डॉ. रजनीगंधा 

बलरामपुर अस्पताल में तम्बाकू छुड़ाने की निःशुल्क जाँच परामर्श सुविधा उपलब्ध 

 

हर माह करीब 20 मरीजों को दिला रही तम्बाकू सेवन से निजात

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मरीजों की निःशुल्क जाँच परामर्श सुविधा प्रदान की जा रही है। सबसे पहले उन मरीजों की काउंसलिंग की जाती है कि आखिर किस बीमारी से अस्पताल में इलाज कराने के लिए आये है,उसकी जाँच होने के बाद मरीजों का इलाज शुरू किया जाता है। यह जानकारी बलरामपुर अस्पताल के एनसीडी विभाग की डॉ. रजनीगंधा श्रीवास्तवा साइकोलॉजिस्ट ने दी। उन्होंने कहा कि डॉ. आरके चौधरी के दिशा निर्देशन में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। आकड़ो की बात करें तो हर महीने करीब 20 मरीजों को तम्बाकू सेवन की लत से छुटकारा दिलाया जा रहा है। डॉ. श्रीवास्तवा ने कहा कि पहले मरीजों की काउंसलिंग इसलिए की जाती है कि कहीं तम्बाकू का सेवन तो नहीं कर रहा है। जिससे मरीज के इलाज में त्वरित लाभ मिल सके। साथ ही तम्बाकू सेवन करने वाले मरीजों को तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभाव की जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन करना भी शुगर होने की वजह बन सकती है। तम्बाकू सेवन करने से इन्सुलिन बनने में बाधक होता है और लिवर किडनी इफेक्टेड हो जाती हैं। मरीजों को इस लत से छुड़ाने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी द्वारा निकोटिन की पूर्ति कर मरीजों को तम्बाकू छुड़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है यानि एक प्रकार से आसान भाषा में चिंगम दिया जाता है जिससे उसकी निकोटीन की जरुरत पूर्ति हो सके। साथ ही तम्बाकू छुड़ाने में इमोशनल मोटिवेशन के द्वारा तम्बाकू छुड़ाने का प्रयास किया जाता है,अक्सर मरीजों में जब परिवार बच्चों के प्रति इमोशनल जाग्रत किया जाता है तो मरीज भी दृढ निश्चय कर लेते हैं कि अब तम्बाकू छोड़ना ही है। उन्होंने कहा कि जब मरीज से पूछती हूँ कि तम्बाकू का सेवन क्यों करते हो और इसके फायदे क्या हैं तो अक्सर मरीजों का यही जवाब होता है की मानसिक उलझन को दूर करने के लिए तम्बाकू का सेवन करते हैं। वहीं डॉक्टर रजनी का कहना है कि मरीजों की अपनी अपनी समस्या है फिर हम उनकी हर समस्या के समाधान के लिए मरीजों से प्रेम से बातचीत कर उनकी समस्या का समाधान किया जाता है।उन्होंने कहा कि विश्व भर में मौतों को रोकने के लिए तम्बाकू बड़ा कारण निकल कर कर आ रहा है। जिसमें प्रति वर्ष करीब 60 लाख लोग तम्बाकू सेवन से जान गवा रहे है। वहीं भारत में हर साल तम्बाकू सेवन से 9 लाख मौते होती है, जो क्षय रोग, एड्स, मलेरिया,से होने वाली मौतों से कहीं अधिक है। इसके अलावा कैंसर से मरने वाले 100 में 40 तम्बाकू प्रयोग के कारण मौत होती है। इसमें धूम्रपान के अलावा व्यसन के कई प्रकार शामिल है जैसे जर्दा, खैनी, हुक्का, गुटखा, तम्बाकू युक्त मसाला, मावा, मिसरी एवं गुल, बीड़ी सिगरेट की हानिकारक कारक है। इसे 13 से 15 वर्ष की किशोरावस्था से नपुंसकता पैदा करती है। तम्बाकू सेवन से केवल कैंसर होता है बल्कि हृदय रोग, मधुमेह, टीबी, लकवा, दृष्टिविहीनता, फेफड़े के रोग, श्वास संबधि रोग होता है।

जानें धूम्रपान छोड़ने के लाभ..

धूम्रपान छोड़ने के बाद रक्तचाप सामान्य होना, 24 घंटे बाद कार्बन मोनोऑक्साइड (जहरीली गैस )शरीर से बाहर होना, 72 घंटे बाद सांस लेने की समस्या दूर होना, 2 से 4हफ्ते बाद रक्त संचार में सुधार, 3 से 9महीने बाद फेफड़े 10 फीसदी अधिक कार्य क्षमता बढ़ना, 12 से 60 महीने बाद हृदय रोग का जोखिम आधा होना शामिल है। इसलिए तम्बाकू सेवन करने से बचें जिंदगी चुनिए, तम्बाकू नहीं। वहीं इसके अलावा कैंसर रोग विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ परामर्शदाता बलरामपुर अस्पताल के डॉ. आरके चौधरी ने एक ऐसे मरीज से मिलाया जिसका शुगर लेवल 800 पहुंच गया था। जो लखनऊ के मोहम्मद मुसीर उम्र 65 वर्ष निवासी रकाबगंज के मसागंज को मात्र 7 महीने में शुगर नियंत्रण कर ऐतिहासिक कार्य का अंजाम दिया है। मरीज मुसीर का कहना है कि डॉ. साहब ने जो भी खाने,पीने, टहलने को बताया उसका बखूबी पालन किया और आज हमारा शुगर लेवल खाने के पहले 110/115 है। वहीं डॉ. चौधरी ने कहा कि खाली पेट 110 और खाने बाद 140 है तो उसे नार्मल माना जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button