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“वन हेल्थ अप्रोचः कनेक्टिंग ह्यूमन एनिमल एंड एनवायर्नमेंटल हेल्थ”पर सम्मेलन

सुषमा खर्कवाल, मुक्तिनाथानन्द महाराज रहे मौजूद

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। विवेकानन्द अस्पताल द्वारा राज्य स्तरीय सम्मेलन “वन हेल्थ अप्रोचः कनेक्टिंग ह्यूमन एनिमल एंड एनवायर्नमेंटल हेल्थ” रामकृष्ण मठ निराला नगर के प्रेक्षागृह में को आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के बीच महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करना, अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देना और स्थायी साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन प्रातः 10 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ। जिसमें नर्सिंग छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया। इस अवसर की मेजबानी पूर्ति सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, कम्युनिटी हेल्थ नर्सिंग विभाग और देबारति घोष, असिस्टेंट प्रोफेसर, ओबीजी द्वारा की गई।

उद्घाटन समारोह में स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज, सचिव, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान सुषमा खरकवाल महापौर, लखनऊ, डॉ. एन. वेंकटलक्ष्मी, प्रधानाचार्या, विवेकानन्द कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लखनऊ, डॉ. दीप्ति शुक्ला, प्रधानाचार्या, समर्पण इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज, डॉ. रश्मि पी. जॉन, प्रधानाचार्या,

केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग, डॉ. जस्मी जॉनसन, डीन,प्रधानाचार्या, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग साइंसेज, रामा यूनिवर्सिटी, कानपुर, डॉ. प्रशांत बजपेई, असिस्टेंट प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ विभाग,केजीएमयू, डॉ. रजनीश चंद्रा,

मास्टर्स ऑफ वेटरिनरी साइंस और डॉ. अंजलातची मुथुकुमारन, उपप्रधानाचार्या, ईरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज द्वारा सम्मेलन के विषय

“वन हेल्थ एप्रोचः कनेक्टिंग ह्यूमन एनिमल एंड एनवायरनमेंटल हेल्थ“ पर अपने सम्बोधन में साक्ष्य-आधारित और स्थायी नर्सिंग के तरीको पर बल दिया जो रोगी की देखभाल, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।

सम्मेलन में विशिष्ठ अतिथि सुषमा खर्कवाल ने हुए बताया कि अपने 26 महीने के कार्यकाल में 6 मियावाकी वन लगवाये है, ताकि लखनऊ की शुद्ध हो सके साथ ही साथ घैला एवं शिवरी प्लांट में जहाँ कूडा डम्प रहता था। उसको पूरी तरह से स्थनान्तरित कर स्वच्छ व रहने योग्य कर दिया गया।

अब वहा कोई र्दुगंध नही आती, सम्मेलन में आयी नर्सो को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप बहुत सौभाग्यशाली है कि आपने नर्सिंग का पेशा चुना व अत्यन्त सेवा का महान व्यवसाय है। साथ ही साथ यह भी बताया कि मै जो बाते बता रही हॅ उसे गॉठ बॉध लिजिए।

जिससे आपको निश्चित रूप से आपके जीवन में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभी हॉल ही में हमें शुभान्षु शुक्ला को सम्मानित करने का अवसर मिला वह बच्चा आपकी तरह ही सीएमएस का छात्र था। जिसने भारत का नाम दुनिया में उज्जवल किया।

इसलिए हम सबके लिए गर्व की बात है कि वह लखनऊ का था और मैं चाहूगी की आप सब भी अनुकरीण कार्य करते हुए भारत का नाम उज्जवल करेंगे।

सम्मेलन के विषय पर बोलते हुए बताया कि आज के वैश्विक परिदृश्य में नर्सिंग पेशेवरों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और पर्यावरण विशेषज्ञों के बीच अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के माध्यम से स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

डॉ. एन. वेंकटलक्ष्मी, प्रधानाचार्या, विवेकानन्द कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने सम्मेलन की रिपोर्ट और कार्रवाई प्रस्तुत की और उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने सभी सम्मानित अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

सम्मेलन का अगला चरण डॉ. प्रशांत बजपेई, असिस्टेंट प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ विभाग, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के संबोधन के साथ आगे बढ़ा, जिन्होंने अपने भाषण में मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के एकीकरण और घटकों पर विस्तार से चर्चा की।

द्वितीय वैज्ञानिक सत्र का मुख्य आकर्षण डॉ. जस्मी जॉनसन, डीन प्रधानाचार्या, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग साइंसेज, रामा यूनिवर्सिटी, कानपुर का संबोधन था। जिन्होंने अपने भाषण में “वन हेल्थ एप्रोच के कार्यान्वयन के लिए वैश्विक और भारतीय रणनीतियों“ पर बल दिया।

तृतीय वैज्ञानिक सत्र का नेतृत्व डॉ. दीप्ति शुक्ला, प्रधानाचार्या, समर्पण इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज ने किया। जिन्होंने अपने व्याख्यान में “वन हेल्थ एप्रोच के अनुप्रयोग में अंतःविषय सहयोग और चुनौतियों“ पर विस्तार से चर्चा की।

सम्मेलन की पूर्वाह्न कार्रवाई की शुरुआत हमारी प्रसिद्ध वक्ता डॉ. रश्मि पी. जॉन, प्रधानाचार्या, केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लखनऊ के संबोधन से हुई। जिन्होंने अपने भाषण में “स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारकों“ पर ध्यान केंद्रित किया और नर्सों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारकों को वैश्विक स्तर पर कम करने में महत्वपूर्ण है।

इस सत्र के बाद प्रसिद्ध वक्ता डॉ. रजनीश चंद्रा, मास्टर्स ऑफ वेटरिनरी साइंस ने “क्रॉस स्पीशीज ट्रांसमिशन और ज़ूनोटिक इंटरफेस या उभरते और पुनःउभरते ज़ूनोटिक संक्रमण“ पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया।

जिसके बाद डॉ. अंजलातची मुथुकुमारन, उपप्रधानाचार्या, ईरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लखनऊ* ने “वन हेल्थ एप्रोच“ में नर्सों की भूमिका पर अपना समापन भाषण दिया। वहीं स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया और सभी प्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों को 1 क्रेडिट पॉइंट प्रदान किया।

इस सम्मेलन का समापन सरिता, प्रोफेसर,हेड, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

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