उत्तर प्रदेशजीवनशैली

फाइलेरिया उन्मूलन में एनएसएस टीम का योगदान महत्वपूर्ण -डॉ. एके चौधरी

 फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अभियान जारी

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। प्रदेश सरकार द्वारा हर स्तर पर फाइलेरिया उन्मूलन प्रक्रिया जारी है। शुक्रवार को एमडीए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। जिसे राजधानी में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल इंडिया द्वारा युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) उत्तर प्रदेश के 14 जनपदों के 16 कार्यक्रम अधिकारियों एवं 10 कार्यक्रम समन्वयकों का फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम पर उन्मुखीकरण आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. मंजू सिंह ने कहा सेवा ही हमारा मूलमंत्र, सेवा ही हमारा संकल्प है, हाथीपांव मुक्त भारत ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना की टीम अगस्त 2023 से एमडीए कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग कर रही है। वे न केवल समुदाय में फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि लाभार्थी स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें। उन्होंने कहा कि हम मिशन मोड और कोलैबोरेशन में काम कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि हमारे अधिकारी व समन्वयक इस अभियान को समय पर और प्रभावी ढंग से पूरा करेंगे। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एनएनएस की सक्रिय भागीदारी राज्य कार्यक्रम अधिकारी (फाइलेरिया) डॉ. एके चौधरी ने पिछले एमडीए राउंड में राष्ट्रीय सेवा योजना के योगदान की सराहना की। उन्होंने बताया कि एनएसएस के प्रयासों से 90 फीसदी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने में सफलता मिली जो एक बड़ी उपलब्धि है। इस बार विशेष रूप से उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहाँ कम लोगों में दवा का सेवन रहा है। इन क्षेत्रों में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग दवा का सेवन करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन के लिए वर्ष में दो चरणों में एमडीए अभियान संचालित किया जाता है। इस वर्ष 10 फरवरी से अमेठी, बलिया, बाराबंकी, चित्रकूट, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहांपुर, सोनभद्र, प्रयागराज और उन्नाव सहित 14 जनपदों के 45 चिन्हित ब्लॉकों में एमडीए अभियान चलाया जा रहा है। डॉ. चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 51 जनपद फाइलेरिया से प्रभावित हैं। पिछले वर्ष फरवरी में 24 जनपदों और अगस्त में 27 जनपदों में एमडीए अभियान चलाया गया था, जिसमें 169 ब्लॉकों में फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई गई थी। नाइट ब्लड सर्वे के आधार पर पाया गया कि 124 ब्लॉकों में माइक्रोफाइलेरिया प्रसार 1फीसदी से कम हो गया है, जिसके कारण वहाँ अब दवा खिलाने की आवश्यकता नहीं है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग एक लाख फाइलेरिया प्रभावित रोगी है, वही 18,000 मरीज हाइड्रोसील से ग्रसित थे। इनमें से 9,000 रोगियों के सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं और आगे भी हाइड्रोसील मुक्त प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. चौधरी ने बताया कि यदि किसी भी लाभार्थी को दवा सेवन के बाद कठिनाई महसूस होती है, तो प्रत्येक ब्लॉक में रैपिड रिस्पांस टीम तैनात रहेगी ताकि तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके।इस अवसर पर पाथ संस्था के राज्य समन्वयक डॉ. शोएब अख्तर ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। यह बीमारी दुनिया में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने फाइलेरिया रोधी दवा की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी और बताया कि इन दवाओं के सेवन से आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता, लेकिन यदि किसी को हल्की प्रतिक्रिया जैसे उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाना होता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उसके शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं, जो दवा खाने के बाद नष्ट हो रहे हैं। इस मौके पर सीफार की प्रतिनिधि राजकुमारी दरयाना ने बताया कि फाइलेरिया से पीड़ित मरीज, जो प्लेटफार्म सपोर्ट ग्रुप से जुड़े हैं वे इस अभियान में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। वही ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि दीपक ने बताया कि हम स्वास्थ्य मंत्री से लेकर ब्लॉक प्रमुखों तक को इस अभियान से जोड़ रहे हैं और पब्लिक अपील के माध्यम से जागरूकता बढ़ा रहे हैं। प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल इंडिया की सीनियर डायरेक्टर राजश्री दास ने प्रतिभागियों को बताया कि अपने-अपने क्षेत्रों में एमडीए कार्यक्रम से जुड़ी गतिविधियों की प्रभावी योजना कैसे बनाई जाए। कार्यक्रम के अंत में प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के राज्य प्रतिनिधि ध्रुव सिंह ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रदेश के एनसीवीबीडीसी के अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी, सीफार, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज और पीसीआई इंडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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