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जिलाधिकारी ने विकसित सौमित्र वन का लिया जायजा

नदी किनारे बनेगा पाथ वे, एक तरफ एलडीए दूसरी तरफ नगर निगम

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में आदि गंगा गोमती नदी का कायाकल्प होने जा रहा है। जिसमें

कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम द्वारा प्लान्टेशन,वन विकसित किये जाएंगे। इसमें नदी के किनारे लगभग 550 मीटर के स्ट्रेच में पाथ-वे बनाया जाएगा।

साथ ही हॉर्टीकल्चर, लैंडस्केपिंग, लाइटिंग व सौंदर्यीकरण आदि के कार्य कराये जाएंगे। शुक्रवार को जिलाधिकारी विशाख जी. ने अयोध्या रोड पर विकसित किये जा रहे सौमित्र वन का निरीक्षण कर आदेश जारी किए। वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने अवगत कराया कि प्राधिकरण द्वारा अयोध्या रोड के किनारे कुकरैल नदी के तट पर कब्जामुक्त करायी गयी 24.7 एकड़ भूमि में से लगभग 14 एकड़ क्षेत्रफल में सौमित्र वन विकसित किया जा रहा है।

जिसमें पार्क, बच्चों के लिए किड्स जोन, लॉन, ग्रीन एरिया, पाथ-वे आदि बनाया जा रहा है। वन क्षेत्र की सुंदरता को निखारने के लिए हाईमास्ट व फसाड लाइटें भी लगवायी जा रही हैं। यहां पौधों की सिंचाई के लिए स्थायी व्यवस्था की जा रही है।

इसके तहत पूरे वन क्षेत्र में अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाते हुए पॉप-अप स्प्रिंकलर लगाये गये हैं, जिससे पौधों को नियमित रूप से पानी दिया जा सकेगा। जिलाधिकारी विशाख जी. ने निर्देश दिये कि कुकरैल नदी के दोनों किनारों में वृक्षारोपण एवं पाथ वे विकसित किया जाए।

इस क्रम में नदी के किनारे सुरक्षात्मक केसिंग लगाकर पाथ-वे का निर्माण कराया जाए। साथ ही हॉर्टीकल्चर, लैंडस्केपिंग, लाइटिंग व सौंदर्यीकरण आदि के कार्य कराये जाएं। इसके अलावा नदी के किनारे थीम आधारित फूलदार पौधे लगाते हुए औषधि व खाद्य वन विकसित किये जाएं।

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि नदी के एक तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण और दूसरे किनारे पर नगर निगम द्वारा यह कार्य कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों विभाग आपस में समन्वय स्थापित करके यह कार्य कराएंगे, जिससे कि कुकरैल नदी के दोनों किनारों पर एकरूपता बनी रहे।

जिलाधिकारी ने सौमित्र वन का निरीक्षण करके निर्देश दिये कि नदी के किनारे बोल्डर,स्टोन पिचिंग का कार्य कराया जाए।

उक्त के पश्चात जिलाधिकारी द्वारा बेहटा नदी के पुनरुद्धार एवं जलधारा को सतत बनाए रखने के लिए जेहटा व ककराबाद स्थित प्वाइंट का निरीक्षण करते हुए व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत में बेहटा नदी का क्रॉस सेक्शन का सर्वेक्षण सिंचाई विभाग द्वारा कराया जाए।

जिससे उसकी चौड़ाई, गहराई और प्रवाह मार्ग की स्पष्ट जानकारी मिल सके। यह सुनिश्चित किया जाए कि नदी किनारे जितने तहसीलों और गांवों से होकर नदी गुजरती है उसका ग्रामवार कुल लम्बाई की सटीक मैपिंग कराई जाए। राजस्व विभाग से समन्वय कर नदी के किनारे की पैमाइश कराई जाए, ताकि अवैध अतिक्रमण को चिह्नित कर हटाया जा सके। सिंचाई विभाग द्वारा मॉडल सेक्शन बनाकर पुनरुद्धार के मानक तय किए जाएं जिससे नदी का प्रवाह वर्ष भर सुचारु बना रहे।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि नदी प्रवाह को बनाए रखने के लिए बेहटा नदी में उपयुक्त स्थानों पर चेक डैम बनाए जाएं, जिससे वर्षा जल का संचयन हो सके। छोटे-छोटे जल संचयन टैंक व स्टोरेज संरचनाएं बनाई जाएं, जिससे गर्मी के मौसम में भी जल की उपलब्धता बनी रहे।

उन्होंने निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि उक्त नदी के लखनऊ में लगभग 81 किलोमीटर के प्रवाह क्षेत्र को वैज्ञानिक तरीके से चिन्हित कर जलप्रवाह को वर्ष भर निरंतर बनाए रखने के उपाय किए जाएं। जल स्तर बढ़ाने हेतु वॉटर रीचार्ज जोन बनाए जाएं एवं आसपास के नालों और जलस्रोतों को नदी से जोड़ा जाए। साथ ही डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि नदी की जो भी कनेक्टिंग ड्रेन है उन सभी की डिसिल्टिंग करना सुनिश्चित किया जाए।

इस मौके पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, डीएफओ सितान्शु पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, डीसी मनरेगा, खंड विकास अधिकारी मलिहाबाद, उप जिलाधिकारी मलिहाबाद, एलडीए के मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा, अधिशासी अभियंता संजीव कुमार गुप्ता, सहायक उद्यान अधिकारी कर्ण सिंह समेत जिला प्रशासन, नगर निगम व वन विभाग के अधिकारी व अभियंता उपस्थित रहे।

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