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आरएमएल में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने टीबी रोग बचाव की दी जानकारी 

 50 टीबी रोगियों को शेरवुड कॉलेज ने लिया गोद 

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में टीबी रोगियों को गोद लिया गया। बुधवार को टीबी मुक्त भारत निक्षय मित्र अभियान’ का विशेष आयोजन डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन सुसन रोग विभाग एवं NTEP कोर कमेटी संस्थान द्वारा किया गया। जिसमें शेरवुड कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट ने 50 टीबी रोगियों को गोद लिया और उनके सम्पूर्ण उपचार की अवधि के दौरान पोषण सामग्री एवं सामाजिक सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

बता दें कि प्रधानमंत्री की 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राज्यपाल उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों को टीबी रोगियों के सहयोग देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। वहीं संस्थान निदेशक प्रो. सीएम. सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। साथ ही

प्रोफेसर डॉ अजय कुमार वर्मा ने अतिथियों का मंच पर स्वागत किया। विशिष्ट अतिथियों में शामिल प्रो. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय टास्क फोर्स, NTEP इंडिया एवं प्रो. डॉ. सूर्यकांत, अध्यक्ष, जोनल टास्क फोर्स (उत्तर जोन), NTEP इंडिया विशेष अतिथियों में प्रो. डॉ. विक्रम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, प्रो. डॉ. सुब्रत चंद्रा, कार्यकारी रजिस्ट्रार,तथा जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके सिंगल शामिल रहे।

अतिथियों ने पोषण, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं चिकित्सा उत्कृष्टता की महत्ता पर जोर दिया। वहीं

प्रो. डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि निक्षय मित्र वे व्यक्ति और संस्थाएँ है जो टीबी रोगियों को गोद लेकर पोषण, भावनात्मक,सामाजिक सहयोग प्रदान करते हैं।

उन्होंने समाज के सभी वर्गों और मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों से आगे आकर निक्षय मित्र बनने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने टीबी रोगियों के लिए सामान्य आईसीयू से अलग कम से कम एक समर्पित आईसीयू बेड रखने की सलाह दी है। संस्थान सीएमएस

प्रो. डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि अधिकांश टीबी रोगी कुपोषित होते हैं। इसलिए पोषण सहयोग चिकित्सा उपचार जितना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी टीबी रोगियों में CBNAAT और LPA जैसी उन्नत तकनीकों से दवा प्रतिरोध परीक्षण करने पर बल दिया।

प्रो. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने शैक्षणिक प्रगति के लिए पल्मोनरी मेडिसिन में डीएम सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक और सभी चिकित्सकीय विशेषज्ञताओं पर है, जो समय पर निदान और उपचार द्वारा संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी रोगियों की मदद करना मानवता और ईश्वर की सेवा है।

प्रो. सीएम सिंह ने घोषणा की कि संस्थान अगले वर्ष श्वसन रोग विभाग में MD पाठ्यक्रम प्रारंभ करने जा रहा है तथा निकट भविष्य में DM सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने राज्यपाल द्वारा प्रारंभ किए गए, निक्षय मित्र अभियान की सराहना की और कहा कि यह पहल अब गति पकड़ चुकी है और प्रधानमंत्री की टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करेगी।

डॉ. ज्योति बाजपेयी KGMU ने टीबी निवारक चिकित्सा की महत्ता पर बल दिया, जो रोगियों के सम्पर्क में आने वालों के लिए संक्रमण श्रृंखला तोड़ने में सहायक है।

कार्यक्रम के पश्चात क्षय रोग पर CME सत्र एवं राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) की द्वितीय तिमाही कोर कमेटी बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रगति एवं रणनीतियों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम का सफल आयोजन श्वसन रोग विभाग द्वारा प्रो. अजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में किया गया।

आयोजन सचिवः डॉ. हेमंत कुमार सह-आयोजन सचिवः डॉ. मनीष कुमार सिंह, डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. पुलकित गुप्ता कार्यक्रम का संचालन डॉ. मृत्युंजय सिंह एवं डॉ. पुलकित गुप्ता द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनीष कुमार सिह (कम्युनिटी मेडिसिन) एवं डॉ. हेमंत कुमार (रेस्पिरेटरी मेडिसिन) ने प्रस्तुत किया।

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