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आरएमएल में एनास्टोमोसिस 2025 का हुआ समारोह

संस्थान निदेशक एडवांस्ड एनाटॉमी लर्निंग लैब का किया शुभारम्भ

 

 लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। सांस्कृतिक उत्सव के साथ एनास्टोमोसिस 2025” मनाया गया। गुरुवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के शरीर रचना विभाग द्वारा वार्षिक शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक उत्सव “एनास्टोमोसिस 2025” का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें

संस्थान निदेशक प्रोफेसर सीएम सिंह ने एडवांस्ड एनाटॉमी लर्निंग लैब का शुभारंभ किया। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला में डिजिटल मॉडल, इंटरैक्टिव टेबल, और 3-डी लर्निंग सिस्टम और कैडेवरिक प्रयोगशाला जैसी नवीनतम तकनीकों का समावेश किया गया है। जिससे विद्यार्थियों को एनाटॉमी की सूक्ष्मतम संरचनाओं को समझने में सहायता मिलेगी।

इस कार्यक्रम की शुरुआत डिजिटल शैक्षिक संसाधन के साथ की गयी। विभिन्न काॅलेजों से आये हुए छात्रों के शोध पत्र पढ़े गये तथा इनमें से सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र को सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम के तहत दो अतिथि व्याख्यान आयोजित किये गये। जिसका संचालन संस्थान के जनरल सर्जरी विभाग के प्रो. विकास सिंह तथा जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी से एनाटाॅमी विभाग के प्रो. योगेश सोनटक्के द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम के तहत स्नातक और परास्नातक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों से 12 टीमों ने सहभागिता की। इस प्रतियोगिता के प्रथम विजेता एएसएमसी, पीलीभीत के छात्र रहे और द्वितीय विजेता संस्थान के छात्र रहें है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. सीएम सिंह, निदेशक ने आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा “एनास्टोमोसिस जैसे शैक्षणिक उत्सव विद्यार्थियों को कक्षा से बाहर सीखने और अपने व्यक्तित्व को निखारने का अवसर प्रदान करते हैं। यह सहयोग और सीखने की भावना को सुदृढ़ करते हैं।

उन्होंने आगे कहा “संस्थान सदैव ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहन देता रहेगा जो युवा चिकित्सकों में वैज्ञानिक सोच और मानवीय संवेदनशीलता को बढ़ावा दें। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे हर अवसर को सीखने और उत्कृष्टता के रूप में अपनाएँ।

डॉ. सुभ्रत चन्द्र, कार्यपालक कुलसचिव ने विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा

“ऐसे आयोजन छात्रों में नेतृत्व, संवाद क्षमता और वैज्ञानिक जिज्ञासा को विकसित करते हैं, जो भावी स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने यह भी जोड़ा “एनास्टोमोसिस 2025 ने यह दिखाया कि जब विद्यार्थी और शिक्षक एक साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो शिक्षा एक प्रेरणादायी अनुभव बन जाती है। संस्थान के प्रत्येक विभाग को इसी तरह के नवाचारों को अपनाना चाहिए।

प्रो. प्रद्युम्न सिंह, अधिष्ठाता ने कहा

“शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का संगम विद्यार्थियों के ज्ञान को गहराई देता है और विभागों व साथियों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करता है।

उन्होंने आगे कहा “ऐसे उत्सव चिकित्सा शिक्षा को और जीवंत बनाते हैं। विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं बल्कि टीम भावना, अनुशासन और मानवीय मूल्यों को भी आत्मसात करना चाहिए।

प्रो. विक्रम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा

“चिकित्सा एक सामूहिक प्रयास है,जहाँ मस्तिष्क, हाथ और हृदय का समन्वय आवश्यक है। ‘एनास्टोमोसिस’ इसी जुड़ाव का प्रतीक है, चाहे वह शरीर विज्ञान में हो या अकादमिक जीवन में।

उन्होंने कहा कि “अस्पताल और अकादमिक विभाग तभी उत्कृष्ट बनते हैं जब उनमें समर्पण और समन्वय का भाव हो। यह आयोजन उस भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है।

डॉ. राजन भटनागर, विभागाध्यक्ष (शरीर रचना) ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा

“हमारा उद्देश्य शरीर रचना को रुचिकर, सहभागितापूर्ण और यादगार बनाना है। इस वर्ष छात्रों की अभूतपूर्व भागीदारी हमारे प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि “विभाग इस दिशा में लगातार कार्यरत है कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ अनुसंधान के अवसर भी मिलें। एनास्टोमोसिस इसी दिशा में एक सार्थक कदम है।”

कार्यक्रम में क्विज़, मॉडल प्रदर्शन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम का समापन डॉ. नवबीर द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

उन्होंने संस्थान के नेतृत्व, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। उन्होंने विशेष रूप से आयोजक समिति, तकनीकी टीम और प्रतिभागियों की ऊर्जा व उत्साह की सराहना करते हुए कहा “ऐसे कार्यक्रम संस्थान की गौरवशाली परंपरा को और ऊँचाई प्रदान करते हैं।

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