उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबरराष्ट्रीय

पीजीआई में एआई आधारित ओसीटी प्रणाली स्थापित 

 संस्थान कृत्रिम बुद्धिमत्ता से हुआ लैस, चिकित्सा उपचार में एआई के बढ़ता दायरा

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। देश दुनिया में एआई की हर तरफ धमक दिखाई देने लगी है। चिकित्सा उपचार में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) कारगर साबित हो रहा है। जिसे एसजीपीजीआई ने आर्टिफिशल इंटेलीजेंस की शक्ति का उपयोग करना प्रारम्भ कर सफलता भी अर्जित की है। जिसमें हृदय संबंधी प्रक्रियाओं में सटीकता, गति और विश्वास को बढ़ाना पहली उपलब्धि माना जा रहा है।

अब यह संस्थान अब एक नवीनतम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-संचालित इंट्रावैस्कुलर ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी प्रणाली स्थापित की गई है,जो फ्रैक्शनल और रिलेटिव फ्लो रिज़र्व (कोरोनरी फ्लो का आकलन) तथा 3डी एंजियो को-रजिस्ट्रेशन (एक साथ एंजियोग्राफिक दृश्य प्रदान करने वाली तकनीक) को एकीकृत करती है। यह अत्याधुनिक प्रणाली अब हृदय रोग विशेषज्ञों को कोरोनरी एनजीओप्लास्टी के लिए एक समग्र और उन्नत दृष्टिकोण प्रदान करने में सक्षम माना जा रहा है।

मैनुअल विश्लेषण के स्थान पर एआई एल्गोरिद्म का उपयोग करके, यह तकनीक प्लाक संरचना, कैल्सीफिकेशन, रक्त वाहिका का आकार, स्टेंट की स्थिति आदि का मूल्यांकन अधिक सटीकता से कर सकती है। साथ ही इन जानकारियों को एंजियोग्राफी डेटा से भी जोड़ सकती है। बीते

5 मई को संस्थान में स्थापित कार्डियोलॉजी विभाग की टीम प्रो. आदित्य कपूर, प्रो. सत्येन्द्र तिवारी, प्रो. रूपाली खन्ना, प्रो. नवीन गर्ग और डॉ. अंकित साहू संभाल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब तक 10 केसेस में इस प्रणाली का सफलतापूर्वक उपयोग कर चुके हैं। उन्होंने कोरोनरी इंटरवेंशन के दौरान इस तकनीक की तेज और सटीक निर्णय-निर्माण क्षमता की सराहना की है।

कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. कपूर ने संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा जिनके सहयोग से यह मशीन संस्थान में लाई जा सकी। यह मशीन उच्च-रिज़ॉल्यूशन रियल-टाइम 3डी पुनर्निर्माण, 3डी वॉल्युमेट्रिक इमेजिंग, और एक साथ एंजियो-ओसीटी डिस्प्ले प्रदान करती है। जिससे प्रक्रियाओं की सटीकता और रोगियों के उपचार के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार होगा। वहीं

निदेशक प्रो. आरके. धीमन ने कार्डियोलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए रोगी देखभाल में उनके योगदान की प्रशंसा की और भविष्य के सभी प्रयासों में विभाग को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button