एक साल बाद अमेठी लौटीं स्मृति ईरानी, गंगा हादसे में खोए परिजनों से मिलकर छलके आँसू
अमेठी मेरी आत्मा है, मैं कहीं नहीं गई

एक साल बाद अमेठी लौटीं स्मृति ईरानी, गंगा हादसे में खोए परिजनों से मिलकर छलके आँसू
संवाददाता: गंगेश पाठक
अमेठी। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। लोकसभा चुनाव 2024 में पराजय के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी सोमवार को पहली बार अमेठी पहुँचीं। यह दौरा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पुनर्मिलन, जनसरोकार की पुनर्पुष्टि और भाजपा संगठन को पुनः सक्रिय करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इनहौना, उतेलवा, जायस, जगदीशपुर और गौरीगंज में हुए स्वागत समारोहों में ढोल-नगाड़ों, नारों और पुष्पवर्षा के साथ कार्यकर्ताओं ने यह संदेश दिया कि स्मृति ईरानी आज भी उनके लिए “दीदी” हैं।
अपना दौरा शुरू करते हुए स्मृति सबसे पहले अमेठी विधानसभा क्षेत्र के पालपुर गाँव पहुँचीं, जहाँ रविवार को गंगा नदी में डूबकर एक ही परिवार के तीन सदस्यों—चंद्र कुमार कौशल, उनके भाई बालचंद्र और 13 वर्षीय अर्यांश—की मृत्यु हो गई थी। जब शोकग्रस्त परिवार की एक छोटी बच्ची फूट-फूटकर रोते हुए स्मृति ईरानी के गले लग गई, तो उनकी आँखें भी भर आईं। उन्होंने परिजनों को ढाँढस बंधाया और पूरी संवेदना के साथ समय बिताया।
इस दौरान परिवार को शासन द्वारा घोषित चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि की जानकारी दी गई, जिसे परिजनों ने संतोषपूर्वक स्वीकार किया। ग्रामीणों ने घाट पर सुरक्षा प्रबंधन की माँग उठाई, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें।
इसके बाद स्मृति ईरानी मेदन मवई स्थित अपने आवास पहुँचीं, जहाँ फरवरी 2024 में गृह प्रवेश कर उन्होंने अमेठी से आत्मिक जुड़ाव का सार्वजनिक संकेत दिया था। कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए उन्होंने दो टूक कहा, “चुनाव आते-जाते हैं, लेकिन अमेठी मेरी आत्मा है—इससे जुदा होना मेरे लिए संभव नहीं।”
दोपहर में गौरीगंज स्थित रणंजय इंटर कॉलेज में आयोजित अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी संगोष्ठी में उन्होंने कहा, “जो शक्ति अहिल्याबाई में थी, वही शक्ति अमेठी की बेटियों में है।” इस कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों और महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु त्रिपाठी ने बताया कि दीदी का पूरा दिन कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच संवाद और विश्वास निर्माण में बीता। वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दौरे को “संवेदना की राजनीति” कहा, लेकिन माना कि भाजपा कार्यकर्ताओं में इससे नई ऊर्जा आई है।
स्मृति ईरानी के आगमन से पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष शुभम सिंह को पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया, जिसे शुभम ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया और वीडियो जारी कर भाजपा पर शांतिपूर्ण विरोध से घबराने का आरोप लगाया।
2019 में राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी को 2024 में कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब उनकी यह वापसी बताती है कि वे मैदान छोड़ने वाली नेता नहीं हैं। अमेठी की राजनीति में इस दौरे को प्रतिबद्धता, संवेदनशीलता और संगठन के प्रति निष्ठा की नई शुरुआत माना जा रहा है।