7 से 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान
प्रदेश के जोखिम वाले 15 जनपदों में चलेगा अभियान
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। प्रदेश के जोखिम वाले क्षेत्रों में टीबी अभियान की शुरुआत की जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 15 जनपदों में सात दिसम्बर से शुरू हो रहा है जो की 24 मार्च 2025 तक चलेगा। जिसे इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। गुरुवार को
प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा का कहना है प्रधानमंत्री द्वारा 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में बस कुछ महीने ही शेष रह गए हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने कि आवश्यकता है इसी क्रम में नए टीबी रोगियों को खोजने, टीबी मरीजों की मृत्यु दर को कम करना और स्वस्थ व्यक्तियों में टीबी संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट तथा अन्तर्विभागीय समन्वय पर जोर रहेगा है। इसके साथ ही इस अभियान में कई तरह के अन्य नवाचार भी किये गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा ऐसे 15 जनपदों को चिन्हित किया गया है जहाँ पर टीबी से होने वाली मौतों की दर साल 2023 की राष्ट्रीय दर 3.6 फीसद के बराबर या अधिक है। साथ ही नये टीबी रोगियों और संभावित टीबी रोगियों की पहचान की दर राष्ट्रीय औसत से कम है
राज्य क्षय रोग अधिकारी डा. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि अभियान के दौरान टीबी के सक्रिय रोगियों को ढूंढते हुए उनके सम्पर्क में आये रोगियों की जल्द से जल्द पहचान करना और उनका गुणवत्तापूर्ण इलाज शुरु करना है। इसके अलावा ग्राम स्तर से लेकर उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी की स्क्रीनिंग बढ़ायी जाएगी। उच्च जोखिम वाले रोगियों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। टीबी से होने वाली हर मौत का डेथ ऑडिट किया जायेगा। इसके साथ ही पोषण पर भी पूरा ध्यान देते हुए योजना के तहत इलाज के दौरान 1000 रूपये की राशि और अन्य सेवाएं दी जायेंगी।
इस अभियान को कई स्तरों पर चलाया जायेगा जिसके तहत उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और जनसंख्या की पहचान करते हुए संभावित टीबी मरीजों को टीबी के लक्षणों के आधार पर चिन्हित करते हुए एक्स-रे और नैट मशीन से जाँच की जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर जल्द से जल्द टीबी की इलाज शुरू किया जायेगा। इसके साथ ही टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों और उच्च जोखिम वाले समूहों को टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट(टीपीटी) दिया जायेगा।
इस अभियान के दौरान मोबाइल मेडिकल यूनिट “निश्चय वाहन” द्वारा समुदाय में जाकर व्यापक प्रचार प्रसार तथा अन्य गतिविधियाँ की जाएँगी। निक्षय मित्रों द्वारा अधिक से अधिक टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
डा. भटनागर ने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित कुल 18 विभाग तथा स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग करेंगी।
यह हैं उच्च जोखिम वाले समूह –
-60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोग।
-18.5 किग्रा/मी2 से कम बीएमआई वाली कुपोषित जनसँख्या।
-डायबिटीज एवं एचआईवी रोगी।
-धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्ति।
– इलाज प्राप्त कर रहे टीबी रोगियों के साथ रहने वाले तथा इलाज पूरा कर चुके व्यक्ति।
इन 15 जनपदों में चलेगा सघन टीबी अभियान
अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत,प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर एवं सुल्तानपुर में चलाया जायेगा।