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लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदेश के 178 श्रमिको को मिला आमंत्रण

 लाल किले पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन के साक्षी बनेंगे श्रमिक

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। आगामी दिल्ली के लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदेश के श्रमिकों को भी आमंत्रित किया गया है।

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के लाल किले, जहाँ से प्रधानमंत्री राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे, उस समारोह में प्रदेश के 178 श्रमिक, जिन्हें बंधुआ श्रम की परिस्थितियों से मुक्त कराया गया है, यह भी प्रतिभाग करेंगे। इसमें 89 महिला श्रमिक भी सम्मिलित हैं। मंगलवार को

प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन, उप्र शासन डाॅ. एमके शन्मुगा सुन्दरम द्वारा बताया गया कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश से 89 ऐसी महिला श्रमिक, जिन्हें बंधुआ श्रमिकों को विभिन्न कार्यस्थालों से अवमुक्त कराकर पुनर्वासित कराया गया है, को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर होने वाले समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

इनके साथ इनके पति या पिता भी प्रतिभाग करेंगे। यह सभी 178 श्रमिक 13 अगस्त की सुबह जनपद अलीगढ़, संभल, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर सहारनपुर एवं बागपत जनपदों से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।

उन्होने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, गृह मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से इन श्रमिकों को लाने व ले जाने की व्यवस्था की गयी है। यह सभी श्रमिक 16 अगस्त तक नई दिल्ली में प्रवास करेंगे तथा पूर्व निर्धारित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे।

जिसमें उनका दिल्ली भ्रमण भी सम्मिलित है। यह सभी श्रमिक 15 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर किये जाने वाले सम्बोधन के भी साक्षी बनेंगे।

श्रम आयुक्त उप्र मार्कण्डेय शाही ने बताया कि यह सभी श्रमिक अपने जीवन में प्रथम बार इस आयोजन में आमंत्रित किये जाने पर बहुत ही उत्साहित है। विभिन्न स्थानों से अवमुक्त कराये गये इन श्रमिकों के बारे में श्री शाही ने बताया कि इन श्रमिकों को कार्यस्थल से बंधुआ श्रम कराये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर अवमुक्त कराया गया था तथा एक निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरान्त इनको केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित बंधुआ श्रम पुनर्वासन योजना के अन्तर्गत 2,00,000/- प्रति श्रमिक की धनराशि भी उनके खातों में उपलब्ध करायी गयी थी ताकि वे अपने कौशल के अनुरूप अपना कोई कार्य कर सके या अपने जीवन की अन्य आवश्यकताओं को पूर्ण कर सके तथा पुनः बंधुआ श्रम की स्थिति में न जाये।

बंधुआ श्रम पुनर्वासन योजना के अन्तर्गत 2,00,000/- लाख की आर्थिक सहायता के अतिरिक्त इन श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी उनके सशक्त पुनर्वासन के उद्देश्य से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं व उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजना तथा अन्य योजनाओंसे लाभान्वित कराया गया।

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