उत्तर प्रदेश में 15 आईपीएस अधिकारियों का तबादला
शासन की सख्ती, जनता को सुरक्षा और प्रशासन को नई धार
संवाददाता: गंगेश पाठक
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था और जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। रविवार को सरकार ने प्रदेश के 15 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया, जिनमें कई प्रमुख जिलों में नई तैनातियां की गई हैं। इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक सुधारों को साकार करना, कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना और प्रदेश की जनता को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है। इन अधिकारियों को जिन नई जिम्मेदारियों से नवाजा गया है, वे अपनी अनुशासनप्रिय कार्यशैली और अपराध नियंत्रण में दक्षता के लिए प्रसिद्ध हैं। शासन ने हर जिले की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप इन अधिकारियों का चयन किया है।डॉ. अजय पाल शर्मा को प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, प्रयागराज, डॉ. कौस्तुभ को पुलिस अधीक्षक, जौनपुर, केशव कुमार को पुलिस अधीक्षक, अंबेडकर नगर, अपर्णा रजत कौशिक को पुलिस अधीक्षक, अमेठी, अंकिता शर्मा को पुलिस अधीक्षक, कासगंज, विक्रांत वीर को पुलिस अधीक्षक, देवरिया, डॉ. ओमवीर सिंह को पुलिस अधीक्षक, बहराइच, चिरंजीव नाथ सिंह को पुलिस अधीक्षक, हाथरस, प्राची सिंह को सेनानायक, 32वीं वाहिनी पीएसी, लखनऊ, डॉ. अभिषेक महाजन को पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर, संकल्प शर्मा को डीसीपी, लखनऊ कमिश्नरेट, वृंदा शुक्ला को पुलिस अधीक्षक, यूपी 1090 और निपुण अग्रवाल को डीसीपी, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के रूप में तैनाती दी गई है।यह तबादला शासन की लॉ एंड आर्डर पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का प्रतिबिंब है, जिसमें शासन ने अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति अपनी शून्य सहिष्णुता नीति को स्पष्ट किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश प्रशासन ने यह साफ किया है कि कानून-व्यवस्था में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह प्रशासनिक कदम यह संदेश देता है कि सरकार और प्रशासन किसी भी अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।प्रदेश के विभिन्न जिलों में नए जिम्मेदारियों को निभाने वाले अधिकारियों की नियुक्तियां शासन की प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा रजत कौशिक, जिन्हें अनुशासनप्रिय और परिणामोन्मुखी प्रशासन के लिए जाना जाता है, को अमेठी का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने कासगंज को अपराधमुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अब उनकी नियुक्ति से अमेठी में कानून व्यवस्था और भी मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।इस प्रशासनिक निर्णय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शासन का उद्देश्य सिर्फ जिलों में कड़ी पुलिसिंग की शुरुआत नहीं करना, बल्कि जनता के विश्वास को भी फिर से स्थापित करना है। इन तबादलों से यह प्रमाणित होता है कि शासन और प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के विकास और नागरिकों की सुरक्षा के दिशा में उठाए गए कदम प्रभावी साबित होंगे।यह कदम यह स्पष्ट करता है कि कानून-व्यवस्था में किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है। शासन की यह नीति यह सुनिश्चित करती है कि जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे अपने कार्यों में न केवल पारदर्शिता बरतेंगे, बल्कि उनकी कार्यशैली प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों का उदाहरण बनेगी। इन अधिकारियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अपने कौशल और नेतृत्व की छवि को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा।यह तबादला प्रदेश की जनता के लिए सुरक्षा का भरोसा और अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है। पुलिस प्रशासन को जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए जनता के प्रति जवाबदेह भी बनाया गया है। शासन का यह कदम प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने, प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने और बेहतर पुलिसिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।