उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबर

10 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को ले, दिया प्रशिक्षण

10 से 19 साल तक के 20,47,440 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित 

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाने की तैयारी की गयी है। जिला स्तर पर 10 फरवरी को 7 ग्रामीण ब्लाक एवं शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जायेगा। कृमि दिवस पर पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेन्डाजोल खिलाई जाएगी और ब्लाक गोसाईंगंज में सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत एल्बेन्डाजोल खिलाई जाएगी। वहीं इस आयोजन के उपलक्ष में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एनबी सिंह के निर्देशन में सीएचसी चिनहट सभागार में जिला एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर प्रशिक्षक और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि अभियान के तहत 7 ग्रामीण ब्लाक और शहरी क्षेत्र के 1 से 19 साल की आयु के 20,47,440 लाख बच्चों को एल्बेन्डाजोल खिलाने का लक्ष्य लिया गया है। उन्होंने कहा कि एल्बेन्डाजोल साल में दो बार खिलाई जाती है। एक बार फरवरी में सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान और दूसरी बार अगस्त में यह इसलिए दी जाती है कि बच्चों में कृमि संक्रमण की समस्या देखने को मिलती है जो कि उनमें एनीमिया का एक कारण है। इसके अलावा यदि पेट में कीड़े हैं तो वृद्धि तो रुकती ही है इसके साथ ही बच्चा किसी चीज पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता है। पढ़ाई में पिछड़ जाता है। इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता अभिभावकों को दवाई दिए जाने के सकारात्मक पहलुओं के बारे में अवगत कराएं।प्रशिक्षक जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबन्धक ने कहा कि दवा सभी सरकारी,गैर सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि खाली पेट दवा किसी को भी न खिलाएं। दवा खिलाने से पहले ही अभिभावकों को इस बात की सूचना दे दें कि 10 फरवरी को दवा खिलाई जाएगी इसलिए बच्चों को नाश्ता कराकर ही स्कूल भेजें। जहाँ पर मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था है वहां पर बच्चों द्वारा भोजन करने के बाद ही दवा खिलाएं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर यह सुनिश्चित करने के बाद ही बच्चों को दवा का सेवन करायें कि वह खाली पेट नहीं हैं। एक से दो साल की आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली और दो से तीन साल की आयु के बच्चों को एक गोली चूरा बना कर खिलाई जायेगी । तीन से 19 साल की आयु के बच्चों को एक गोली खिलाई जायेगी। गोली दांत से चबाकर ही खिलाना सुनिश्चित कराना है। गोली स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही खिलाएं बाद में खाने के लिए न दें। दवा खाने के बाद किन्हीं बच्चों में दवा के प्रतिकूल प्रभाव में उल्टी, जी मिचलाना चक्कर आना पेट में दर्द आदि देखने को मिलते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब होता कि पेट में कीड़ों की संख्या अधिक है और उन्हीं के मरने से यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देते हैं। ऐसा होने पर बच्चे को लिटा दें थोड़ी देर में यह प्रतिकूल प्रभाव खत्म हो जायेंगे। ऐसे प्रतिकूल प्रभाव के प्रबन्धन के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ब्लाक और जिले पर तैनात रहे।जो बच्चे किन्हीं कारणों से 10 फरवरी को दवा खाने से वंचित रह जायेंगे उन्हें 14 फरवरी को मॉप अप राउंड का आयोजन कर दवा खिलाई जाएगी। इस मौके पर डीईआईसी मैनेजर डॉ. गौरव, सभी सीएचसी के अधीक्षक, बीपीएम, बीसीपीएम, सभी ब्लाक से आरबीएसके की टीम से एक चिकित्सक, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस एवं पंचायती राज विभाग के हर ब्लाक के प्रतिनिधि, नेहरु युवा केंद्र एवं स्वयंसेवी संस्था एविडेंस एक्शन और न्यूट्रिशन इंटरनेशनल के प्रतिनधि मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button