सेना चिकित्सा कोर का 57 वां द्विवार्षिक सम्मेलन
सेना चिकित्सा कोर ने नवीन चिकित्सा उपकरणों को दर्शाया

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में सेना चिकित्सा कोर की नवीन उपकरणों को दर्शाया गया। मंगलवार को 57वें एएमसी द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन समारोह छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज के मेजर एलजे सिंह अशोक चक्र सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें डीजीएमएस (सेना) एवं वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने स्वागत भाषण देकर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। कार्यक्रम का मुख्य सम्बोधन रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय (सेना) के एडजुटेंट जनरल ब्रांच के डीजी (एमपी एंड पीएस) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने दिया। जिन्होंने एएफएमएस द्वारा किए जा रहे अपार कार्यों की सराहना की और उन्होंने गुणवत्तापूर्ण देखभाल के मार्ग पर गौरवशाली परंपराओं और प्रगति को जारी रखने के लिए प्रेरित किया। साथ ही सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज के कमांडेंट एवं एएमसी अभिलेख के प्रमुख तथा कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल शिविंदर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी पदाधिकारियों व स्थानीय संरचनाओं और इकाइयों को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि अपार प्रयासों के बिना, यह ऐतिहासिक कार्यक्रम संभव नहीं हो सकता। कार्यक्रम के दौरान नवीनतम प्रगति और भविष्य के चिकित्सा उपकरणों को प्रदर्शित करने वाली एक चिकित्सा प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर द्वारा किया गया। इस मौके पर इस अवसर पर उपस्थित अन्य वरिष्ठ सैन्यधिकारियों में दंत चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक एवं कर्नल कमांडेंट, लेफ्टिनेंट जनरल विनीत शर्मा, आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर), नई दिल्ली के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल शंकर नारायण, सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय, पुणे के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल पंकज पुरुषोत्तम राव सहित सशस्त्र बल सेना चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) और मुख्यालय मध्य कमान लखनऊ के कई वरिष्ठ सैन्याधिकारी शामिल रहे। वहीं एएमसी सेंटर और कॉलेज सेना के अधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल कर्मियों के सैन्य और तकनीकी प्रशिक्षण का केंद्र होने के चलते हमेशा से ही द्विवार्षिक सम्मेलन का आयोजन स्थल रहा है। बता दें कि यह द्विवार्षिक सम्मेलन कोर के कामकाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले प्रासंगिक मुद्दों की समीक्षा और विचार-विमर्श का समय है। जिसमें उन्नत प्रौद्योगिकी को शामिल करना, सैन्य चिकित्सा पद्धतियों और स्वचालन में क्रांति से लेकर छवि प्रबंधन, स्वास्थ्य कर्मियों के संचार कौशल, स्वास्थ्य सेवा के कानूनी पहलू, कैडर प्रबंधन, प्रशिक्षण, कल्याण, जनशक्ति युक्तिकरण और कैरियर नियोजन शामिल किया गया है। जिनका अंतिम लक्ष्य ग्राहक संतुष्टि और कोर के आदर्श वाक्य ‘सर्वे सन्तु निरामया’ को साकार करना है। सशस्त्र बल सेना चिकित्सा सेवा के पास युद्ध के मैदान में और शांति के समय में लड़ने वाले बलों के मनोबल को बनाए रखने में पेशेवर उत्कृष्टता और अपार समर्पण की शानदार परंपरा को स्थापित करना है। एएफएमएस अंतर-सेवा एकीकरण का एक मॉडल है। जिसमें सेना, वायु सेना और नौसेना की तीनों सेवाएँ अपने उपभोक्ताओं को व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के कार्य के लिए संयुक्त रूप से प्रतिबद्ध हैं। तीनों सेवाओं के बीच संयुक्त कौशल को बढ़ावा देने और सहयोग और समन्वय बढ़ाने के लिए सामान्य प्रशिक्षण दिया जाता है।