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 सीएमओ ऑफिस पर किसान यूनियन ने दिया धरना

 मेडिकेयर अस्पताल में महिला मरीज मौत पर लापरवाही के लगे गंभीर आरोप 

 

एक महीना से कार्रवाई की हीलाहवाली पर भड़का किसान यूनियन

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी का सीएमओ कार्यालय किसानों के प्रदर्शन का अखाडा बन गया। शुक्रवार को रायबरेली किसान यूनियन सीएमओ कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन करने लगा।

जिसे देखकर सीएमओ कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। वहीं इस मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। बताते चले कि मामला एक माह पहले मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के मेडिकेयर हॉस्पिटल में रायबरेली के बछरावां क्षेत्र निवासी किसान यूनियन नेता सौरभ सिंह अपनी माता का इलाज कराने पहुंचे थे।

जहां किसान यूनियन का आरोप है कि मेडिकेयर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच का हवाला देकर एम्बुलेंस में ले जाने की बात कही और ले जाने के लिए 7 हज़ार पांच सौ रूपये लेकर ऑक्सीजन वाली एम्बुलेंस का रुपया जमा कराया।

जिसमें यूनियन पदाधिकारियों का आरोप है कि ऑक्सीजन वाली एम्बुलेंस में मरीज को ले जाने का रूपया जमा कराया उसके बजाय बिना ऑक्सीजन वाली एम्बुलेंस में महिला मरीज को ले गये।

जिससे लगभग 51 वर्षीय महिला मरीज की सांसे थम गयी और मौत हो गयी। वहीं किसान यूनियन रायबरेली जिलाध्यक्ष शंकर रावत ने मेडिकेयर अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोनू सिंह की माता के साथ इलाज में लापरवाही की गयी है और मौत हो गयी है।

उन्होंने बताया कि एक माह पहले शिकायत की गयी और अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए किसान यूनियन पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्र होकर धरना प्रदर्शन करने आये है। साथ ही प्रदेश प्रवक्ता किसान यूनियन अजय वर्मा ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखित रूप में शिकायत पत्र दिया गया है।

एक हफ्ते में जाँच कर कार्रवाई का आश्वासन मिला है। वहीं इस मामले को लेकर डिप्टी सीएमओ निजी अस्पताल नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह ने बयान जारी करते हुए बताया की सभी पहलुओं की जाँच की जा रही है, कहीं कोई निर्दोष पर कार्रवाई न हो जाए इसलिए जाँच में समय लगता है।

उन्होंने कहा जैसे ही जाँच पूरी होगी कार्रवाई के लिए पुलिस सौंप दी जाएगी। वहीं आश्वासन मिलते ही किसान यूनियन के पदाधिकारी कार्यकर्ता धरना समाप्त कर घर के लिए रवाना हुए। अब देखना यह दिलचस्प हो जाता है कि कार्रवाई होती है या खानापूर्ति करके रफा दफा कर दिया जाता है। जानकारों की माने तो सीएमओ कार्यालय पर किसान यूनियन का धरना इतिहास में पहली बार होना बताया जा रहा है। ऐसा धरना कभी नहीं देखा गया है।

इसके पहले अभी हाल ही बीकेटी क्षेत्र निजी अस्पताल की मनमानी देखी गयी और कार्रवाई भी की गयी। ऐसे में निजी अस्पताल आखिर बेलगाम होने का क्या कारण हो सकता है। क्या निजी अस्पतालों को कार्रवाई का भय ख़त्म हो गया है या किसी बड़े उच्च अधिकारी का संरक्षण मिल रहा है। यह सवाल लोगों के दिमाग़ में उठ रहें हैं।

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