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 संघ में अनुशासन सर्वोपरि- अनिल

 352 स्वयं सेवकों ने शारीरिक, बौद्धिकता का लिया प्रशिक्षण 

 

गोण्‍डा।लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा 352 स्वयं सेवकों प्रशिक्षण दिया गया। गुरुवार को अयोध्या रोड गोंडा सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में गत पंद्रह दिनों से चल रहे आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग सामान्य के प्रकट समारोह में सायं पांच बजे संघ स्थान पर क्षेत्र प्रचारक पूर्वी उप्र अनिल ने विचार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि पूरे देश में 105 स्थानों पर 60 हजार स्वयंसेवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। संघ कार्य एक साधना है।

यहां कठिन परिश्रम के साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अनुशासन यहां सर्वोपरि है। कठिन साधना से ही कार्यकर्ता का निर्माण होता है। जो राष्ट्र की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

अनिल ने कहा कि बंगाल सरकार ने हमारे संघ शिक्षा वर्ग पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन आज एक हजार स्वयंसेवक बंगाल में संघ शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रतिबंध के बाद भी आज सभी प्रदेशों में वर्ग चल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रभक्ति के प्रवाह को रोकने के लिए मध्य बंगाल एवं उत्तर बंगाल के प्रशासन ने वहां के वर्ग को प्रतिबंधित कर दिया।

इसके बाद भी वहां शिक्षार्थी वर्ग करने पहुंचे और वहां वर्ग सम्‍पन्न हुआ। तमिलनाडु की सरकार ने पथ संचलन पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद वहां पथ संचलन निकलता है। पंजाब के मोगा नामक स्थान पर 20 से 22 स्वयंसेवकों की हत्या कर दी जाती है लेकिन स्वयंसेवक इस प्रकार की कार्य पद्धति से निकलते हैं कि अगले दिन वहां फिर शाखा लगती है।

‘एकमात्र संगठन है जो पूरे कर रहा 100 वर्ष की यात्रा..

क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि संघ के माध्यम से पूरे समाज में परिवर्तन नजर आ रहा है। देश विभाजन के दौरान भी स्वयंसेवकों ने लाहौर, कराची से लोगों को निकालने में स्वयं का बलिदान दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश का एकमात्र ऐसा संगठन है जिसकी कार्य पद्धति के नाते आज 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है।

आजाद भारत में सरकार ने तीन प्रतिबंध लगाये। एक प्रतिबंध ब्रिटिश सरकार ने लगाया लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक पद-पुरस होता हुआ आगे जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि आज समाज में परिवर्तन दिखाई देता है आज से दो वर्ष पहले अयोध्या में 1 जनवरी को लगभग 4 लाख 30 हजार लोगों ने दर्शन किया था। आज नागालैंड में पथ संचालन निकलता है तो वहां जो विरोध करने वाला समाज था वह आज पुष्पवर्षा करता है। महर्षि अरविंद कहते हैं देश का उत्थान सनातन धर्म से ही है।

सनातन धर्म में ही विश्व बंधुत्व की बात होती है। वहीं देश समाज आगे बढ़ता है जब सरकार अपना कार्य करती है और समाज अपना कार्य।सम्‍बोधन के अंत में उन्‍होंने कहा कि विश्व पर्यावरण की दिवस पर हम सभी को अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाना चाहिए ताकि पर्यावरण में संतुलन बना रहे। इसके अतिरिक्‍त स्वामी नारायण छपिया मंदिर के महंत स्वामी देव प्रकाश ने कहा कि आरएसएस सनातन संस्कृति को बनाये रखने के लिए सतत् प्रयास कर रहा है। संघ ने पर्यावरण के संदर्भ में विशेष कार्य किया है।

600 प्रबुद्धजनों ने किया नित्य शाखा दर्शन..

वर्गाधिकारी अभिमन्यु ने बताया कि सामान्य शिक्षा वर्ग में अवध क्षेत्र के कुल 13 (संघ की दृष्टि से 26) जिलों के 352 शिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया। उन्‍होंने शिक्षा वर्ग के सम्‍बंध में बताया कि 54 शिक्षकों ने प्रशिक्षु शिक्षार्थियों को प्रशिक्षित किया है। मुख्य शिक्षक कृष्ण कुमार के नेतृत्व में शिक्षार्थियों ने शारीरिक, बौद्धिक व व्यवस्था से जुड़े गुणों का संवर्धन किया।

नित्य शाखा में स्वयंसेवकों को दंड, नियुद्ध, आसन, व्यायाम, समता व पद विन्यास सहित अन्य गतिविधियां सिखाई गयी हैं। 14 श्रेणी के 600 प्रबुद्धजनों ने नित्य शाखा दर्शन किया। 247 परिवारों ने शिक्षार्थी स्वयंसेवकों के लिए भोजन उपलब्ध कराया और स्वयं उनके साथ भोजन किया। बौद्धिक सत्रों में अखिल भारतीय अधिकारियों अशोक बेरी व नरेंद्र ठाकुर सहित चंपतराय का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। वर्ग में प्रांत प्रचारक कौशल, विभाग प्रचारक प्रवीण, सर्व व्‍यवस्था प्रमुख अश्वनी सहित 81 स्वयंसेवकों ने गत पंद्रह दिनों से दिन रात परिश्रम करके वर्ग को सफल बनाया है।

कार्यक्रम में प्रकट समारोह में प्रांत प्रचारक कौशल क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष, विभाग संघ चालक शौम्य अग्रवाल, विभाग कार्यवाह अमित, जिला संघ चालक मान सिंह, नगर संघ चालक राजेंद्र, नगर कार्यवाह धर्मेंद्र सहित स्वयंसेवकों के अतिरिक्त माता, भगिनी व समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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