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 शास्त्रीय संगीत की धुन सुनकर लोगों में जागा उत्साह

 क्लासिकल वॉयस ऑफ इंडिया 2025 में कलाकारों ने दर्शकों में भरा जोश

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में चल रहे शास्त्रीय संगीत की धुन सुनकर लोगों में उत्साह जाग उठा। शुक्रवार को

संगीत मिलन संगठन द्वारा आयोजित चार दिवसीय शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता “क्लासिकल वॉयस ऑफ इंडिया – 2025” के तृतीय दिवस दीप प्रज्ज्वलन व माँ सरस्वती के समक्ष माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया गया।

वहीं प्रतियोगिताएँ तंत्र एवं सुषिर वाद्य तथा शास्त्रीय संगीत की कथक विधाओं पर केंद्रित रहीं। जिनमें कोलकाता, हल्द्वानी, चंडीगढ़, लखनऊ,वाराणसी सहित विभिन्न शहरों से आए 45 प्रतिभागियों ने अपनी विशिष्ट कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

वाद्य संगीत प्रस्तुतियों में जूनियर वर्ग में वाराणसी की स्वस्ति टंडन ने हारमोनियम पर राग प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। सीनियर वर्ग में वाराणसी की सोनाली केसरी ने सितार पर राग नट भैरव की मनोहारी प्रस्तुति दी।

उत्तराखंड की गायत्री रेखारी ने जूनियर वर्ग में बाँसुरी पर राग यमन प्रस्तुत किया, जो श्रोताओं के लिए अत्यंत आकर्षक रहा। सीनियर वर्ग में मध्य प्रदेश के देवराज श्रीवास ने बाँसुरी पर राग मारूबिहाग की प्रभावशाली प्रस्तुति देकर सभागार में विशिष्ट संगीतरस भर दिया।

संतूर वादन में मिडिल समूह की चंडीगढ़ से आयी जपलीन कौर ने राग चारुकेश की अनुपम प्रस्तुति देकर विशेष सराहना प्राप्त की। चंडीगढ़ की अक्षिता कौर ने सारंगी पर राग किरावन प्रस्तुत किया।

कथक नृत्य प्रतियोगिता भी उतनी ही ऊर्जा और सौंदर्य से भरपूर रही। सीनियर वर्ग में बांग्लादेश से आए शाहज़ादा नहींयान चौधरी ने अपनी सधी हुई ताल और भाव अभिव्यक्ति से दर्शकों को प्रभावित किया। जूनियर वर्ग में कोलकाता की अद्रिजा दास ने विशेष सराहना प्राप्त की।

जूनियर समूह में चंडीगढ़ की आर्या अनिश शाह ने सुगढ़ नृत्य प्रस्तुति से उपस्थिति दर्ज कराई। जबकि मिडिल समूह में इंदौर की तपस्या त्रिपाठी ने अपने संतुलित भाव, लय और नृत्य कौशल से निर्णायकों और दर्शकों की प्रशंसा हासिल की। मिडिल ग्रुप में फ़िरोज़ाबाद की तनिष्का सक्सेना ने तीन ताल की सुन्दर प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में संगीत मिलन के संस्थापक पंडित मिलन देबनाथ एवं सचिव अरुंधति चौधरी उपस्थित होकर प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते रहे। वहीं निर्णायक मंडल में वाद्य वर्ग के लिए पंडित शिरीष शाह (मुंबई),

पंडित रविंद्र गोस्वामी (वाराणसी) और पंडित ( प्रोफेसर) सौभाग्यवर्धन ( चंडीगढ़ ),पंडित मिलन देबनाथ (लखनऊ ) शामिल रहे। जिन्होंने सभी प्रस्तुतियों का सूक्ष्म मूल्यांकन किया।

कथक वर्ग में विदुषी डॉ. समीरा कोसर (चंडीगढ़), पंडित महेंद्र प्रसाद शर्मा ( चंडीगढ़ ) और विदुषी अनीता भार्गव (लखनऊ) निर्णायक के रूप में उपस्थित रहीं और उन्होंने युवा कलाकारों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया।

संगीत मिलन संस्था से डॉ. निष्ठा शर्मा, डॉ. अंजना मिश्रा, राजेश ओझा, मधुर भटनागर, शिप्रा सक्सेना, आयुषी शुक्ला, बिंदु सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे। जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय भूमिका निभाई।

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